वंशवाद की राजनीति से संस्थान नष्ट हुए : मोदी

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 नई दिल्ली, 20 मार्च (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंशवाद की राजनीति को लेकर बुधवार को कांग्रेस पर हमला किया और कहा कि इससे सबसे ज्यादा नुकसान संस्थानों को हुआ।

 मोदी ने अपने ब्लॉग पोस्ट में मतदाताओं को संबोधित करते हुए उनसे अपील की है कि मतदान करते समय वे कांग्रेस के अतीत को जरूर याद करें कि किस तरह एक परिवार की महत्वाकांक्षा की कीमत राष्ट्र को चुकानी पड़ी है।


उन्होंने कहा, “प्रेस से लेकर संसद तक, सैनिकों से लेकर बोलने की स्वतंत्रता तक, संविधान से लेकर अदालत तक, संस्थानों का अपमान करना कांग्रेस की पद्धति है।”

मोदी ने तंज कसते हुए कहा, “हरकोई गलत है और सिर्फ कांग्रेस सही है। जब आप मतदान करने जाएं अतीत को याद रखें कि एक परिवार की महत्वाकांक्षा की कीमत किस तरह राष्ट्र को चुकानी पड़ी है।”

उन्होंने कहा, “अगर वे (कांग्रेस) उस समय ऐसा कर सके तो अब तो कर ही सकते हैं। निरंतर चौकसी स्वतंत्रता की कीमत है।”


उन्होंने कहा कि भारत ने देखा कि किस तरह वंशवाद की राजनीति के उत्कर्ष से संस्थानों को गंभीर चोट पहुंची हैं।

अपनी बात को साबित करने के लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे समझने के लिए पार्टी के दायरे से बाहर निकलना होगा। उन्होंने कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कोई नेता पार्टी प्रमुख बनने का सपना देखता है तो उसे कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।

उन्होंने कहा, “राजनीतिक दल जोशीले निकाय होते हैं, जो विविध सार्वजनिक राय व्यक्त करते हैं। दुख की बात है कि कांग्रेस आंतरिक लोकतंत्र में विश्वास नहीं करती है। नियमित कानूनी प्रक्रियाओं के प्रति उनके आचरण में हकदारी का भाव देखा जा सकता है।”

उन्होंने कहा, “वर्तमान में उनके शीर्ष नेता एक बड़े घोटाले के मामले में जमानत पर हैं। जब एजेंसियां उनके कारोबार पर सवाल उठाती हैं तो वे जबाव भी नहीं देते हैं।”

मोदी ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि वे सतर्क रहें और हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा देश को प्रदत्त संस्थानों को सुदृढ़ करने के लिए कठिन परिश्रम करें।

उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों की फेहरिस्त देते हुए कहा कि 2014 में लोगों ने वंशवाद की जगह ईमानदारी, अवसाद की जगह विकास, निष्क्रियता की जगह सुरक्षा और वोट की राजनति की जगह विकास को चुना और निर्णायक मत प्रदान किया।

उन्होंने कहा कि हमारे प्यारे राष्ट्र को पांच दिशाहीन देशों (फ्रजाइल फाइव) में पाकर उब चुके थे, जहां किसी सकारात्मकता की जगह भ्रष्टाचार, यारानावाद और भाई-भतीजावाद सुर्खियों में होता था। भारत ने अतीत का असबाब त्यागकर बेहतर भविष्य के लिए मतदान किया।

उन्होंने कहा, “2014 का जनादेश नए युग का आरंभ भी था, क्योंकि भारत के इतिहास में पहली बार गैर-वंशवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था।”

मोदी ने कहा कि अब सरकार फैमिली फर्स्ट (परिवार पहले) की जगह इंडिया फर्स्ट (पहले भारत) की भावना से काम करती है।

उन्होंने कहा, “पिछले पांच सालों में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की नजरों में आकर्षण का केंद्र रही है।”

उन्होंने कहा, “भारत ने स्वच्छता को कवरेज मिलने, बैंक से अलग रहने वालों को बैंक से जोड़ने, वित्त से महरूम रहने वालों को वित्त मुहैया करवाने, भविष्य की बुनियादी संरचना निर्माण, बेघरों को घर देने, गरीबों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने और युवाओं को शिक्षित करने के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।”

उन्होंने कहा कि परिवर्तन की इस मिसाल से प्रतिबिंबित होता है कि अब सरकार संस्थानों को हर चीज से ऊपर रखती है।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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