‘व्यापार युद्ध के कारण भारत से अमेरिका को 75.5 करोड़ डॉलर का अधिक निर्यात’

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संयुक्त राष्ट्र, 6 नवंबर (आईएएनएस)| अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन के खिलाफ व्यापार युद्ध छेड़ने के बाद भारत ने इस साल की पहली छमाही में अमेरिका को 75.5 करोड़ डॉलर अधिक निर्यात किया है। अमेरिका के व्यापार विभाग ने यह जानकारी दी।

यूएन कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (अंकटाड) के एक शोध पत्र में कहा गया है, “ट्रेड डायवर्जन का भारत पर अन्य देशों से कम लेकिन महत्वपूर्ण रूप से प्रभाव पड़ा है।”


मंगलवार को जेनेवा में जारी ट्रेड एंड ट्रेड डायवर्जन इफेक्ट्स ऑफ यूएस टैरिफ्स ऑन चाइना पर आधारित पत्र के अनुसार, “चीन पर अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्कों से आर्थिक रूप से दोनों ही देश प्रभावित हैं। शुल्कों के कारण अमेरिका में चीनी वस्तुओं के आयात में भारी गिरावट हुई है।”

रिपोर्ट के अनुसार, लेकिन इससे भारत जैसे ऐसे अन्य देशों को मदद मिली है, जो इस व्यापार युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं हैं। अमेरिका ने इस साल की पहली छमाही में इन देशों से लगभग 21 अरब डॉलर का आयात बढ़ा दिया है।

सबसे ज्यादा फायदा ताईवान और मेक्सिको को हुआ है।


पत्र में कहा गया कि ऑफिस मशीनरी तथा संचार उपकरण के क्षेत्र में चीन को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और 2019 की पहली छमाही में अमेरिकी आयात में 15 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई।

अंकटाड के अनुसार, भारत इस दौरान इस सेक्टर में ऑफिस मशीनरी कल-पुर्जो में सिर्फ 1.8 करोड़ डॉलर का व्यापार ही कर सका, और संचार क्षेत्र में बिल्कुल कारोबार नहीं किया।

पत्र के अनुसार, भारत ने सबसे ज्यादा रसायन क्षेत्र में 24.3 करोड़ डॉलर, इलेक्ट्रिकल मशीनरी में 8.3 करोड़ डॉलर और अन्य मशीनरी में 6.8 करोड़ डॉलर का व्यापार किया।

भारत हालांकि ट्रंप के ट्रेड वार में एक पीड़ित ही रहा है। ट्रंप का कहना है कि भारत शुल्कों का राजा है।

अमेरिका ने जून में भारत को जनरल स्कीम ऑफ प्रीफरेंसेस का लाभ देने से इंकार कर दिया था। ट्रंप प्रशासन ने भारत से व्यापार और उससे संबंधित कई मांगें की थीं।

दोनों देशों के बीच व्यापार पर वार्ता चल रही है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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