मशहूर चुनावी रणनीतिज्ञ प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव अभियान की बागडोर संभाल सकते हैं। लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पश्चिम बंगाल में जबरदस्त प्रदर्शन के बाद मुश्किल का सामना कर रहीं ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर से संपर्क किया है। मीडिया खबरों के अनुसार, प्रशांत तृणमूल कांग्रेस के लिए काम करने को राजी हो गए हैं। ऐसे में बीजेपी की चुनौती के बीच प्रशांत तृणमूल की चुनावी रणनीति को आकर देते नज़र आएंगे। बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
बिहार के रहने वाले प्रशांत किशोर वर्ष 2011 तक संयुक्त राष्ट्र में स्वास्थ्य विशेषज्ञ के तौर पर अफ्रीका में नौकरी करते थे। लेकिन बाद में उन्होंने भारत लौटने का फैसला किया। फिर पेशेवरों की एक टीम बना कर वर्ष 2012 के गुजरात चुनावों के दौरान नरेंद्र मोदी की छवि चमकाने का काम किया। बिहार विधानसभा चुनावों में उन्होंने नीतीश कुमार के साथ काम किया और महागठबंधन की जीत में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद प्रशांत ने कुछ समय के लिए कांग्रेस के साथ भी काम किया और यूपी के अलावा पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले प्रशांत किशोर जदयू में शामिल हुए और पार्टी के उपाध्यक्ष भी बनाए गए। हालाँकि, चुनाव में अपनी पार्टी के लिए उनकी भूमिका काफी सीमित रही और इस बात की काफी चर्चा रही कि उन्हें पार्टी में दरकिनार कर दिया गया है।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के साथ ही संपन्न हुए आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने जगन रेड्डी के लिए भी चुनावी रणनीति बनाने का काम किया। जगन रेड्डी की पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की। वहीं बंगाल में बीजेपी की जीत से ममता के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गयी हैं। ऐसे में टीएमसी का मानना है कि प्रशांत किशोर को साथ रखने से उन्हें नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की काट तलाशने और बंगाल में बीजेपी के बढ़ते प्रभाव से मुकाबले की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। अब ये तो वक्त ही बताएगा कि प्रशांत किशोर इसमें कितना कामयाब होते हैं।
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