केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को धारा 370 (Article 370) के तहत मिलने वाले सभी विशेषाधिकार को समाप्त कर दिया है। मोदी सरकार के इस कदम को कई मायनों में ऐतिहासिक और अहम माना जा रहा है। आइये जानते हैं धारा 370 के रद्द होने से जम्मू-कश्मीर में क्या-क्या बदल जाएगा…
पहले |
अब |
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लागू थी। | अब धारा 370 का सिर्फ एक खंड लागू होगा। |
जम्मू-कश्मीर को अब तक विशेष राज्य का दर्जा हासिल था। | जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। लद्दाख को अलग किया गया। |
जम्मू-कश्मीर के लोगों को दोहरी नागरिकता हासिल थी। | जम्मू-कश्मीर के लोग भारत नागरिक कहलाएंगे। |
जम्मू-कश्मीर का अपना अलग ध्वज था। | अब तिरंगा ही वहां का राष्ट्रध्वज होगा। |
राष्ट्रपति शासन के लिए धारा 356 लागू नहीं होती थी। | आपातकालीन धारा 356 लागू होगी। |
जम्मू-कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते थे। | राज्य से बाहर के लोग भी जमीन खरीद पाएंगे। |
जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 6 साल का होता था। | अब राज्य की विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होगा। |
जम्मू-कश्मीर में पंचायतों के पास कोई अधिकार नहीं था। | पंचायतों को अन्य राज्यों की तरह अधिकार मिलेंगे। |
सूचना का अधिकार लागू नहीं होता था। | अब राज्य में आरटीआई कानून लागू होगा। |
शिक्षा का अधिकार लागू नहीं होता था। | अब राज्य के बच्चों को राइट टू एजुकेशन का लाभ मिलेगा। |
अल्पसंख्यक हिंदुओं, सिखों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता था। | राज्य के अल्पसंख्यकों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलेगा। |
बाहरी व्यक्ति से शादी करने पर महिला की नागरिकता समाप्त हो जाती थी। | अब राज्य की महिला देश या दुनिया के किसी भी पुरुष से शादी कर सकेगी। |
ज्ञात हो कि धारा 370 समाप्त हो जाने के बाद जम्मू-कश्मीर अब एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। इसकी स्थिति लगभग दिल्ली जैसी हो गयी है। साथ ही केंद्र सरकार ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया है, यानी लद्दाख अब एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा।
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