Who is Nana Patole? कौन हैं नाना पटोले जिनके हाथों में दी गयी महाराष्ट्र कांग्रेस की कमान

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Who is Nana Patole? महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद शुक्रवार को नाना पटोले (Nana Patole) कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष बनाए गए हैं। पटोले भंडारा (Patole Bhandara)  जिले की सकोली सीट से विधायक हैं। उन्हें महाराष्ट्र कांग्रेस की कमान सौंपे जाने की खबरें पहले से चल रही थीं। वह प्रदेश प्रमुख के तौर पर राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट (Balasaheb Thorat) का स्थान लेंगे।

पटोले (Nana Patole) पार्टी नेतृत्व की पसंद के रूप में उभरे, क्योंकि वह राज्य इकाई का नेतृत्व करने के लिए पार्टी के शीर्ष अधिकारियों द्वारा विचार किए गए मापदंडों को पूरा करते हैं। प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वादीतिवार और राज्यसभा सांसद राजीव सातव भी शामिल थे। कांग्रेस नेतृत्व विदर्भ क्षेत्र से नया प्रदेश अध्यक्ष चुना, जो कि गैर-मराठी है।


कांग्रेस को महाराष्ट्र में एक आक्रामक नेता भी चाहिए जो चार प्रमुख राजनीतिक दलों- सहयोगी शिवसेना और राकांपा के साथ-साथ विपक्षी भाजपा के बीच राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में पार्टी की स्थिति को मजबूत कर सके। राज्य इकाई में कई नेताओं को लगता है कि कांग्रेस यहां अपने दोनों सहयोगी दलों शिवसेना और राकांपा से पीछे है।

नाना पटोले (Nana Patole) पहले भारतीय जनता पार्टी में ही थी। पटोले (Nana Patole) भंडारा जिले के सकोली से कांग्रेस के तीन बार विधायक रहे। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल को भंडारा-गोंदिया सीट से हराया। 2017 में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलने वाले पहले भाजपा सांसद के रूप में चर्चा में आए थे। कांग्रेस के टिकट पर वो एक बार फिर 2018 में सकोली सीट से विधायक बने।

उन्होंने इसके बाद पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में वापस आ गए। भाजपा से इस्तीफा देने के कुछ दिनों के भीतर ही पटोले को कांग्रेस में शामिल किया गया। उन्हें अखिल भारतीय किसान कांग्रेस, पार्टी की किसान शाखा के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।और फिर कांग्रेस की तरफ से उन्हें विधानसभा अध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद मिला।


नाना पटोले ने 2019 के लोकसभा चुनाव में नागपुर सीट पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को टक्कर थी। नाना पटोले और गडकरी की टक्कर की वजह से महाराष्ट्र की इस सीट पर देशभर की निगाहें लगी हुई थीं। हालांकि गडकरी करीब एक लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए।

2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक बने। इसके बाद उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जब राज्य इकाई में उनका कोई मजबूत समर्थक समूह नहीं होगा तो पटोले को अशोक चव्हाण, बालासाहेब थोरात और पृथ्वीराज चव्हाण जैसे दिग्गज नेताओं से निपटना होगा।

पार्टी के एक मंत्री ने कहा कि उनका आक्रामक रवैया एमवीए में अन्य दलों के साथ तालमेल और पार्टी इकाई चलाने में बाधा साबित हो सकता है। वास्तव में, इसमें संदेह है कि क्या वह सभी गुटों को एक साथ ले सकते हैं।

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