आज से कई सालों पहले लोगों को हाथ धोने के फायदे के बारे में बिलकुल भी जानकारी नहीं थी। लोग हर काम बिना हाथ धोय ही करते थे। जी हां ये सच बात हैं लगभग 19वीं शताब्दी के आस पास लोगों को हाथ धोने (Handwash) के फायदें के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
इस कारण उस समय संक्रमण के चलते कई लोगों की मौत हो जाती थी क्योंकि इससे कई तरह के वायरस का फैलने का खतरा अधिक होता था। अस्पताल में डॉकटरों को भी हाथ धोने बारे में नहीं पता था और किसी का ओपरेशन भी बिना हाथ ही करते थे और ओपरेशन के बाद भी वो अपने हाथ नहीं धोते थे जिसके चलते अस्पताल में आए मरीज भी और ज्यादा संक्रमित हो जाया करते थे। कहते सकते है कि उस दौर में अस्तपालों को मौत का घर कहा जाया करता था।
19 वीं शताब्दी अनगिनत लोगों की मौत हो गई थी लेकिन उसके बाद में एक समय ऐसा आया जब महिलाओं की शिशुओं को जन्म देने के तुरंत बाद मृत्यु होने लगीं। इस बीच डॉक्टर इग्नाज सेमेल्विस ने संभावना जताई थी कि जन्म देते वक्त इन महिलाओं को डॉक्टर और अन्य चिकित्सा कर्मचारी अनजाने में संक्रमित कर रहे थे जिससे महिलाओं की शिशुओं को जन्म देने के तुरंत बाद मृत्यु हो रही थी।
सेमेल्विस ने सन 1840 में वियना के मैरनिटी अस्पताल में आज ही के दिन विश्व में पहली बार हाथ धोने के फायदों के बारे में बताया और उसे अस्पताल में लागू भी किया। देखते ही देखते हाथ धोने की वजह से संक्रमण फैलना काफी हद तक बंद हो गया और मैटरनिटी वार्ड में होने वाली मौतों में भी भारी गिरावट देखने को मिली।
मौजूदा वक्त में हाथों की सफाई को संक्रमण से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण तरीका माना गया है। इसी दिशा में गूगल ने भी उनका डूडल बनाकर सेमेल्विस को सम्मानित किया और दुनियाभर में हाथों की सफाई के प्रति अपने मंच से जागरूकता भी फैलाई।