World UFO Day 2020: दुनियाभर में आज मनाया जा रहा UFO Day, जानें इससे जुड़ी कई दिलचस्प और रहस्मयी बातें

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Why is UFO Day celebrated

World UFO Day 2020: आज वर्ल्ड यूएफओ डे (UFO Day) है। यानी अनआईडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट डे। विश्व यूएफओ दिवस हर साल ऐसे ही लोगों के लिए सैलिब्रेट किया जाता है जो यह मानते हैं कि ब्रह्माण्ड में हम पृथ्वीवासी अकेले नहीं हैं बल्कि पृथ्वी के अलावा कई अन्य ग्रहों पर भी जीवन है और जहां एलियन्स रहते हैं।

दुनियाभर के कई लोग जो कि अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट जैसी रहस्यमयी चीज पर भरोसा रखते हैं। इनके लिए यह दिन सेलीब्रेट किया जाता है। इसलिए जुलाई में लोग छतों पर टेलिस्कोप ऐसी अदृश्य चीजों को निहारते हुए मिल जाएंगे। अभी तक इस बात का कोई पुख्ता सुबूत तो नहीं मिला कि हम कह सके कि एलियन्स का भी कोई अस्तित्व है।


कुछ ऐसी अजीबोगरीब चीजें कई बार आसमान में दिखाई दी जिन्हें उडन तश्तरी कहा गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी के नूरेमबर्ग में सबसे पहले अप्रैल 1561 में लोगों ने आसमान में बड़े ‘ग्लोब्स’, विशालकाय ‘क्रॉस’ और अजीबोगरीब ‘प्लेट’ जैसी चीजें देखे जाने का दावा किया। उस समय के चित्रों और लकड़ी की कटिंग से उस घटना की जानकारी मिलती है।

World UFO Day से जुड़ी कुछ खास बातें-

  • साल 2001 से World UFO Day मनाया जा रहा है। इसका मकसद है UFO और एलियंस की मौजूदगी पर बहस हो और सार्वजनिक तौर पर रिसर्च किए जाए। पहले ये 24 जून और 2 जुलाई दोनों दिनों पर मनाया जाता था। लेकिन अब इसे 2 जुलाई को ही मनाया जाता है।

 

  • आसमान में दिखने वाली ऐसी कोई ऐसी रहस्यमयी चीज जो इंसानों ने नहीं बनाई हो उसे आमतौर पर UFO का नाम दे दिया गया। 1950 के दशक तक ऐसे कई UFO अमेरिका (America) समेत दुनिया (World) के कई देशों के आसमानों में देखे जाने लगे थे।

 


  • रूसवेल क्रैश इतिहास का सबसे चर्चित केस माना जाता है। ये अमेरिका (America) के न्यू मेक्सिको के रूसवेल की साल 1947 की घटना है। जब एक संदिग्ध ‘गुब्बारे’ का क्रैश हुआ था। जबकि वहां रहने वाले कई लोगों ने ये माना था कि क्रैश हुआ मलबा, UFO का है।

 

  • 1970 के दशक के आसपास रूसवेल क्रैश पर कई थ्योरियां सामने आईं। एक थ्योरी में दावा किया गया कि ये मलबा स्पेसक्राफ्ट का है और मलबे से एलियंस (Aliens) का एक शव भी बरामद हुआ है, जिस पर वैज्ञानिकों (Scientist) ने रिसर्च (Research) भी  की।

 

  • भारत (India) से भी कई बार ऐसे दावे किए जाते रहे हैं कि साल 2014 में लखनऊ (Lucknow), 2015 में कानपुर (Kanpur), दिल्ली (Delhi) और 2016 में बाड़मेर में सबूत के तौर पर तस्वीरें पेश की गईं थी। जिनमें किसी रहस्मयी चीज दिखाई देने का बात कही गई।

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