लोकसभा चुनाव 2019 (Lo Sabha elections 2019) की जंग में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahl Gandhi) दो जगहों से ताल ठोकेंगे। राहुल अपनी परंपरागत सीट उत्तर प्रदेश के अमेठी (Amethi) के साथ केरल की वायनाड लोकसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ेंगे। दक्षिण भारत में पार्टी की स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से राहुल ने कांग्रेस के लिए वायनाड (Wayanad lok sabha seat) को चुना है। भौगोलिक रूप से वायनाड सीट दक्षिण के तीन राज्यों राज्यों केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक जु़ड़ा हुआ है। इस सीट पर कांग्रेस का लगातार कब्जा रहा है।
इसका ऐलान करते हुए पूर्व रक्षामंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि दक्षिण भारत के पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी से लगातार वायनाड सीट से चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे। राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं की मांग को स्वीकार कर लिया है। अब वह अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ेंगे। दक्षिण भारत की परंपराओं पर मोदी सरकार की ओर से हमला किया जा रहा है। राहुल गांधी इस सीट से चुनाव लड़कर तीन राज्यों केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करेंगे।
अमेठी को छोड़ नहीं सकते हैं राहुल गांधी: सुरजेवाला
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल जी ने हमेशा कहा है कि अमेठी उनकी कर्मभूमि है। अमेठी से उनका रिश्ता परिवार के सदस्य का है। इसलिए अमेठी को छोड़ नहीं सकते। बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी पर निशाना साधते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इस बार वह हार का हैट्रिक लगाएंगी। स्मृति ईरानी पहले नई दिल्ली से हारीं, दूसरी बार अमेठी से और अब तीसरी बार भी अमेठी से चुनाव हारेंगी।
वायनाड सीट का इतिहास
2008 में परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई। इस लोकसभा सीट के अन्तर्गत केरल के तीन जिलों कोझिकोड, वायनाड और मलप्पुरम की सात विधानसभा सीटें आती हैं। 2009 और 2014 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के एमवाई शनावास जीते थे। 2014 के चुनाव में कांग्रेस और सीपीआई के बीच कड़ी टक्कर हुई थी। कांग्रेस के एमवाई शनावास ने सीपीआई कैंडिडेट पीआर सत्यन मुकरी को 20,870 वोटों से हराया था। नवंबर, 2018 में शनावास का निधन हो गया। इसके बाद से ही यह सीट खाली है। इस बार सीपीआई ने इस सीट से पीपी सुनेर को टिकट दिया है।