International Asteroid Day 2020: अंतरिक्ष में भटक रहा सबसे बड़ा उल्का पिंड इस माह के आखिर में धरती के सबसे करीब से गुजरेगा। इस दौरान चंद्रमा से इसकी दूरी कुछ ही किमी रह जाएगी ऐसे में कई वैज्ञानिकों ने तर्क दिया कि इस दौरान कुछ ऐसा हो सकता है जिससे आधी दुनिया खत्म हो जाएगी। अगर गुरुत्वाकर्षण के कारण यह पृथ्वी से टकरा गया तो आधी दुनिया का सफाया होने की बात कही जा रही है।
कई खगोल विज्ञानियों ने इसके धरती से टकराने की संभावना के बारे मे बताते हुए कहा कि 30 जून को ऐसा हो सकता है। दरअसल 30 जून को ही ऐस्टॅरॉइड डे (Asteroid Day ) मनाया जाता है। साल 1908 में 30 जून को तुंगस्का घटना हुई थी जिसे किसी धूमकेतु या उल्का की वजह से होना माना जाता है। इसे तुंगुस्का घटना से इसलिए जानते हैं क्योंकि यह तुंगुस्का नदी के किनारे घटी थी।
विस्फोट जमीन से 5 या 10 KM की उचाई पर हुआ था जिसे किसी उल्कापिंड के जमीन पर टकराने के बजाय हवा में ही फट जाने के कारण हुआ माना जाता है। अलग-अलग वैज्ञानिक शोध बताते है की इस पिंड का आकर 60 मीटर (200 फीट) से 190 मीटर (620 फीट) के बीच का है। जो कि पृथ्वी के ज्ञात इतिहास में अब तक की सब से बड़ी उल्कापिंडिय घटना थी।
खगोल वैज्ञानिक का तर्क
फिट्जिमन्स इस मामले पर चेतावनी देते हुए कहते हैं, एक बड़ा क्षुद्रग्रह बहुत बड़ा खतरा हो सकता है। जिसकी अनापेक्षित टक्कर से किसी भी प्रमुख शहर को नष्ट कर सकता है। फिट्जिमस ने बताया कि, “यह जानना महत्वपूर्ण है कि वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने पृथ्वी के नजदीकी क्षुद्रग्रहों का पता लगाने और उनके द्वारा खतरा पैदा करने में बड़ी प्रगति की है।
देख सकेंगे लाइव प्रसारण
इस साल लक्सबर्ग से 30 जून को इस घटना का लाइव प्रसारण किया जाएगा। इस प्रसारण के दौरान ही पूर्व अंतरीक्ष यात्री रस्टी और निकोल स्टॉट सोशल मीडिया पर पूछे गए सवालों का जवाब देंगे। फिट्जिमन्स ने बताया कि अगर आज के दिनों उल्का पिंड धरती से टकरा जाता है तो इससे कई बड़े शहर बर्बाद हो जाएंगे। खातौर पर साइबेरिया के पास के सभी शहर लगभग पूरी तरह बर्बाद हो सकते है।