अर्थी पर ले कर पहुंचे श्मशान घाट, मगर अंतिम संस्‍कार से पहले जिंदा हुई यह महिला

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अर्थी पर ले कर पहुंचे श्मशान घाट, मगर अंतिम संस्‍कार से पहले जिंदा हुई यह महिला

क्या हो जब आप किसी अपने की अर्थी लेकर जा रहे हों और वह जिंदा हो? गोरखपुर के बस्ती जिले से ऐसी ही एक अजीबो- गरीब घटना सामने आई है, जिसमें परिवारवाले जब महिला की अर्थी ले कर जा रहे थे, तब वह महिला मरी नहीं बल्कि जीवित थी।

बस्‍ती जिले के मुंडेरवा थाना क्षेत्र के सहोरवा गांव में बुधवार 17 जुलाई को जो घटना हुई, उसने सबको चौंका दिया। जिस महिला को मृत समझकर उसके परिवारजन अंतिम संस्कार के लिए ले कर जा रहे थे, वह जिंदा थी उसकी सांसें चल रही थी, लेकिन अस्प्ताल ले जाने तक उसकी मृत्यु हो गई।


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दरअसल, सहोरवा गांव के रहने वाले बबूल की पत्नी सुनीता देवी (30) की बुधवार को सुबह करीब 9 बजे के संदिग्ध हालात में मृत्यु हो गई थी। परिवार के लोग गम में डूबे हुए उसे अंतिम संस्कार के लिए ले कर जा रहे थे, लेकिन सुनीता के मायके वालों ने जब उसे देखा तो उसकी सांसें चल रही थी। जल्दबाजी में उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनकटी ले जाया गया।, जहां स सुनीता को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जिला अस्पताल पहुंचते- पहुंचते सुनीता ने दम तोड़ दिया।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर्स के मुताबिक, जबी महिला को लाया गया, तब उसका ब्लड प्रेशर और पल्स काफी कम थे।


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गांव के लोगों ने बताया कि 6 महीने पहले बबलू और सुनिता की 2 साल की बेटी की भी गंभीर बीमारी से हो गई थी। अभी तक महिला की मृत्यु का कारण साफ नहीं है। गांववाले भी इस पर कुछ ज्यादा बोलने को तैयार नहीं हैं।

सुनीता का पति बबलू पुताई का काम करता है। प्रभारी निरीक्षक मुंडेरवा सदानंद सह ने बताया कि मामले की जांच के लिए पुलिस मौके पर गई थी। मायके वालों की तरफ से कोई खास जानकारी न मिलने के कारण पुलिस ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया।

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