World Food Safety Day 2019: भारत में ‘खाद्य सुरक्षा’ बेहतर बनाने की जरूरत, हर साल भूख से मरते हैं 6000 बच्चे

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World Food Safety Day 2019: भारत में खाद्य सुरक्षा बेहतर बनाने की जरूरत, हर साल भूख से मरते हैं 6000 बच्चे

आज विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) है। इसे हर साल की 7 जून को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सभी लोगों को पर्याप्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना है। ताकि कोई भूख के कारण न मरे साथ ही देश में खाद्य सामग्री के उत्पादन, रखरखाव और वितरण को बढ़ावा देना भी विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का अहम मुद्दा है।

खाद्य सुरक्षा का अर्थ


खाना जीवन की मौलिक जरूरतों में से एक है। इसके बिना जीवन संभव नहीं। अपने देश के लोगों को स्वच्छ और पूरा खाना उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार की होती है, लेकिन खाद्य सुरक्षा का अर्थ इससे कई व्यापक है।

किसी भी देश की खाद्य सुरक्षा प्रणाली में देश भर में खाद्य पदार्थों का उत्पादन, आयत- निर्यात और सरकार के पास जमा अनाज का कुल स्टॉक शामिल होता है। लोगों को सही समय पर स्वच्छ और पर्याप्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाना, लोगों की खाद्य जरूरतें पूरी करना खाद्य सुरक्षा का हिस्सा है। किसी भी देश में खाद्य सुरक्षा उसकी सार्वजनिक वितरण प्रणाली, शासकीय सतर्कता और खाद्य सुरक्षा के खतरे की स्थिति में सरकार द्वारा की गई कार्यवाही पर निर्भर करती है।

भारत में खाद्य सुरक्षा


भारत एक विकासशील देश है। बेशक अब भारत की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है। हमारा देश अकाल और भुखमरी जैसी समस्याओं को पीछे छोड़कर खाद्य भंडारण में काफी हद तक समर्थ हो चुका है। देश में खाने के पर्याप्त भंडार है। लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि देश में अभी भी भूखमरी और कुपोषण है। आंकड़ों की बात करें तो दुनिया भर में लगभग 24000 लोग प्रतिदिन भूख से मरते हैं।इनमें से 18000 बच्चे होते हैं, जिसमें से एक तिहाई यानी 6000 बच्चे भारत के होते हैं। देश में भुखमरी के हालात होते हुए भी सही व्यवस्था न होने के कारण अनाज खराब हो जाता है।

हमारे देश के आंकड़ों को देखते हुए जरूरी है कि खाने संबंधित आदतों पर खास ध्यान दिया जाए। आवश्यकता है कि खाद्य पदार्थों की सुरक्षा, व्यवस्था और समस्याओं पर खास ध्यान दिया जाए। देश की खाद्य सुरक्षा बेहतर बनाने की जरूरत है, ताकि कोई भी भूख के कारण अपनी जान न गंवाए।

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