World Leprosy Day 2021: जानें क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड लेप्रोसी डे, क्या है मनाने का उद्देश्य

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World Leprosy Day 2021: दुनिया भर में हर साल 30 जनवरी को विश्व कुष्ठ दिवस (World Leprosy Day) मनाया जाता है। यह खास दिवस लोगों के बीच कुष्ठ रोग (leprosy) को लेकर जागरूकता फैलाने और इसकी रोकथाम (Prevention) करने के लिए मनाया जाता है। लेप्रोसी (leprosy) को लेकर लोगों में कई तरह के भ्रम फैले हुए हैं जैसे छूने या हाथ मिलाने, साथ में उठने-बैठने से कुष्ठ रोग होता है।

इतना ही नहीं कई लोग इस रोग को लाइलाज भी मानते हैं, लेकिन कुष्ठ रोग का इलाज (Treatment Of Leprosy) आसानी से किया जा सकता है।


सबसे पहले कुष्ठ रोग दिवस फ्रांस के समाजसेवी राउल फोलेरो द्वारा साल 1954 में मनाया गया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य कुष्ठ रोग के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना था। वर्ष 2020 के World Leprosy Day का विषय Leprosy isn’t what you think” है।

विश्व कुष्ठ रोग दिवस का उद्देश्य

जैसा कि हम सब जानते हैं कि विश्व कुष्ठ रोग दिवस हर साल 30 जनवरी को मनाया जाता है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देना और लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक करना है। कुष्ठ रोग दिवस मनाने की शुरुआत राउल फोलेरो ने सन 1954 ई में की शुरुआत की। उन्होंने (गांधी जी के कुष्ठ रोगियों के प्रति दया और स्नेह) यह दिवस गांधी जी को समर्पित किया है।

क्या होता है कुष्ठ रोग-

कुष्ठ रोग को हेन्संस रोग भी कहा जाता है। कुष्ठ रोग माइक्रोवेक्टीरियमलैप्री नामक जीवाणु की वजह से होता है। यह आनुवांशिक एवं छुआछूत रोग नहीं है। इसका मतलब यह साथ खाने, उठने बैठने से नहीं फैलता है। समय से जांच और उपचार मिलने पर व्यक्ति को दिव्यांगता से भी बचाया जा सकता है।


कुष्ठ रोग के लक्षण-

-चेहरे या कान के आस-पास गांठें या सूजन, जिसमें दर्द न हो
-त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे, जो चपटे और फीके रंग के दिखते हैं
-पैरों के तलुओं पर ऐसा घाव जिसमें दर्द न हो
-मांसपेशी में कमज़ोरी
-छाती पर बड़ा, अजीब से रंग का घाव या निशान
-आंखों की समस्याएं, जिनसे अंधापन तक हो सकता है
-हथेली और तलवों पर सुन्नपन होना
-इस रोग के लक्षण दिखने में 2 से 5 साल का समय लग सकता है।
– पैरालिसिस या हाथों और पैरों का अपंग होना

कुष्ठ रोग से बचाव के उपाय-

– लक्षणों पर नजर रखना।
– चोट से बचें और घाव को साफ रखें।
– बच्चों में कुष्ठ रोग की संभावना व्यस्कों से अधिक होती है इसलिए बच्चों को हमेशा संक्रमित व्यक्ति से दूर रखें।
– लंबे समय तक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न रहें।
-इसके अलावा एंटीबायोटिक दवाओं से भी इसका इलाज संभव है।
– कुष्ठ रोग के इलाज के लिए मल्टीड्रग थेरेपी तैयार की गई। यह थेरेपी पूरी दुनिया में फ्री में उपलब्ध है।

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