World Migratory Bird Day 2020: ये हैं दुनियां के 5 सबसे खूबसूरत माइग्रेटरी बर्ड

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World Migratory Bird Day 2020: विश्व में ऐसे कई पक्षी होते हैं जो मौसम के अनुसार एक राज्य या देश से दूसरे जगह प्रवास करते हैं। वो ऐसे इसलिए करते हैं ताकि वे अपने आपको मौसम के मुताबिक आसानी से ढाल सकें। इसे ही पक्षी प्रवास कहते हैं। इसमें उन्हें काफी वक्त भी लग जाता है।

प्रवास करने के बावजूद भी उन्हें कई बार प्रदूषण और मौसम की मार झेलनी पड़ती है। पक्षियों को इन्हीं परेशानियों से निजात दिलाने और उनके संरक्षण के लिए विश्व प्रवासी पक्षी दिवस हर साल में दो बार मनाया जाता है। इससे पहले यह 9 मई 2020 को मनाया गया था। अब ये 10 अक्टूबर को एक बार फिर मनाया जा रहा है।


इस दिवस पर प्रवासी पक्षियों के संरक्षण और आवास की आवश्यकता को विश्व भर के लोगों को समझाने और जागरूक करने के लिए मई और अक्टूबर महीने के शुरू के दूसरे शनिवार को हर साल माया जाता है। इस अवसर पर आपको बताते हैं 5 ऐसे पक्षी जो प्रवास करते हैं।

साइबेरियन सारस  (Siberian Cranes)

सारस की यह प्रजाति प्रवास के दौरान हर वर्ष साइबेरिया के जंगलों से भारत आते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा उड़ने वाला पक्षी है। साइबेरियन सारस का रंग सफेद होता है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में साइबेरियन सारस प्रतिवर्ष आते है। विगत कुछ वर्षों में इनके आने में कमी हुई है। 50 किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से यह पक्षी करीब 500 किलोमीटर की यात्रा करता है। सर्दियों के मौसम में साइबेरियाई सारस भारत का रुख करते हैं।


अमूर फाल्कन (Amur Falcons)

बाज परिवार का यह प्रजाति छोटा पक्षी है। अफ्रीका के अरब सागर इलाकों में सर्दी के समय प्रजनन करता है। इस पक्षी का पैर लाल होता है। अमूर फाल्कन साईबेरिया से भारत बड़े झुंडों में प्रवास करता है। प्रवास के दौरान यह करीब 22 हजार किलोमीटर की यात्रा करता है।

राजहंस (Greater Flamingo)

यह पक्षी फ्लेमिंगो बर्ड्स की सबसे बड़ी प्रजाति है। यह अफ्रीका, यूरोप और भारत में पाया जाता है। राजहंस भारत में गर्मी के दौरान प्रवास करते है। राजहंस गर्मियों में रहना पसंद करते हैं। प्रवास के दौरान यह पक्षी केवल रात को ही उड़ता है।

रोजी पेलिकन (Rosy Pelican)

यह पक्षी हर साल यूरोप से भारत के उत्तर में आता है। यह सर्दियों में भारत की ओर प्रवास करता है। इस पक्षी का मुख्य आहार मछली है। यह भारत के अलावा अफ्रीका में भी प्रवास करता है। रॉजी पेलिकन पक्षी प्रजनन के लिए प्रवास करता है।

एशियाई कोयल (Asian Cuckoo)

एशियाई कोयल सिंगापुर से भारत के पुड्डुचेरी में प्रवास के लिए आती है। यह एशियाई कोयल भारत की मूल निवासी नही है। गर्मियों में सिंगापुर में इनके रहने लायक वातावरण नही रहता है। इसलिए कोयल भारत यात्रा पर आती हैं। एशियाई कुकू का रंग काला होता है बिल्कुल एक कौए की तरह।

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