World Sparrow Day 2021: जानिए विश्व गौरैया दिवस का इतिहास, महत्व और इससे जुड़ी रोचक कहानी

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World Sparrow Day 2021: अपने छोटे से आकार वाले खूबसूरत पक्षी चिड़िया या गौरैया (Sparrow) का कभी इंसान के घरों में बसेरा हुआ करता था और बच्चे बचपन से इसे देखते बड़े हुआ करते थे। अब स्थिति बदल गई है। गौरैया (Sparrow) के अस्तित्व पर छाए संकट के बादलों ने इसकी संख्या काफी कम कर दी है। घरों को अपनी चीं..चीं से चहकाने वाली गौरैया (Sparrow) अब दिखाई नहीं देती और कहीं..कहीं तो अब यह बिल्कुल दिखाई नहीं देती।

पहले यह चिड़िया (bird) जब अपने बच्चों को चुग्गा खिलाया करती थी तो इंसानी बच्चे इसे बड़े कौतूहल से देखते थे। लेकिन अब तो इसके दर्शन भी मुश्किल हो गए हैं और यह विलुप्त हो रही प्रजातियों की सूची में आ गई है। पक्षी विज्ञानी हेमंत सिंह के मुताबिक गौरैया (Sparrow) की आबादी में 60 से 80 फीसदी तक की कमी आई है। यदि इसके संरक्षण के उचित प्रयास नहीं किए गए तो हो सकता है कि गौरैया इतिहास की चीज बन जाए और भविष्य की पीढ़ियों को यह देखने को ही न मिले।


गांव में यदि कभी कोई गौरैया (Sparrow)  दिख जाए तो बच्चे झूम उठते हैं लेकिन समस्त मानव समाज के लिए शर्म की बात है कि गौरैया अब विलुप्ति की कगार पर है और इसका संरक्षण हमारा परम कर्तव्य होना चाहिए जो कि आज भी नहीं है, बस इसी बात को याद दिलाने के लिए हम प्रतिवर्ष विश्व गौरैया दिवस ( World Sparrow Day) मनाते हैं। आगे जानिए गौरैया दिवस का इतिहास(History of Sparrow Day), महत्व और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।

गौरैया

गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस है। यह पासेराडेई परिवार का हिस्सा है। विश्व के विभिन्न देशों में यह पाई जाती है। यह लगभग 15 सेंटीमीटर के होती है मतलब बहुत ही छोटी होती है। शहरों के मुकाबलों गांवों में रहना इसे अधिक सुहाता है। इसका अधिकतम वजन 32 ग्राम तक होता है। यह कीड़े और अनाज खाकर अपना जीवनयापन करती है।


विश्व गौरैया दिवस का इतिहास

विश्व गौरैया दिवस को मनाने की शुरुआत भारत के नासिक में रहने वाले मोहम्मद दिलावर के प्रयत्नों से हुई। दिलावर द्वारा गौरैया संरक्षण के लिए नेचर फॉर सोसाइटी नामक एक संस्था शुरू की गई थी। पहली बार विश्व गौरैया दिवस 2010 में मनाया गया था। प्रतिवर्ष पिछले दस सालों से 20 मार्च अर्थात गौरैया दिवस पर उन लोगों को गौरैया पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है जो पर्यावरण एवं गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं।

विश्व गौरैया दिवस 2021 का थीम

विश्व गौरैया दिवस 2021 का थीम ‘आई लव स्पैरो’ रखा गया है जिसका अर्थ है कि मुझे गौरैया से प्रेम है। पिछले कई सालों से इस एक ही विषय पर इस दिन को मनाया जा रहा है। इस थीम को रखने के पीछे इंसान और पक्षी के बीच के संबंध की सराहना करना है। इस दिन लोग गौरैया की तस्वीरें बनाते हैं, कविताएं लिखते हैं, अपने अनुभव एवं गौरैया से जुड़े किस्से आदि साझा करते हैं।

गौरैया संरक्षण के उपाय-

ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी ऑफ बर्डस द्वारा विश्व के विभिन्न देशों में किए गए अनुसंधान के आधार पर भारत और कई बड़े देशों में गौरैया को रेड लिस्ट कर दिया गया है जिसका अर्थ है कि यह पक्षी अब पूर्ण रूप से विलुप्ति की कगार पर है। गौरैया संरक्षण के लिए हम यही कर सकते हैं कि अपनी छत पर दाना-पानी रखें, अधिक से अधिक पेड़- पौधे लगाएं, उनके लिए कृत्रिम घोंसलों का निर्माण करें।

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