यहूदियों को शरण देने के लिए भारत की सराहना

  • Follow Newsd Hindi On  

संयुक्त राष्ट्र, 29 जनवरी (आईएएनएस)| नाजियो के अत्याचार और नरसंहार से भागे यहूदियों को शरण देने के लिए भारत की सराहना की गई है, जिसने दुनिया भर में धार्मिक उत्पीड़न से भागे लोगों के लिए एक शरणस्थली होने की अपनी परंपरा को बरकरार रखा है। संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय नरसंहार स्मृति दिवस पर भारत के इस कदम की सराहना की। बी’नई बी’रिथ इंटरनेशनल के अध्यक्ष चार्ल्स कौफमैन ने यहां सोमवार को कहा कि भारत एक राष्ट्र की परंपरा पर खरा उतरा, हजारों यहूदियों को सुरक्षा मिली और उनका स्वागत किया गया, जब वे यूरोप में नाजियों द्वारा किए जा रहे नरंसहार से भाग निकले थे।

यह एक विशिष्ट रूप से अनदेखा एपिसोड था, जिसे मान्यता देने की आवश्यकता है। उन्होंने यहां ‘इंडिया : अ डिस्टेंट हैवन विद द होलोकॉस्ट’ विषय पर भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन और बी’नई बी’रिथ (एक वैश्विक यहूदी सेवा संगठन) द्वारा आयोजित बैठक को संबोधित करने के दौरान यह बात कही।


भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि नरसंहार से भागे शरणार्थियों को शरण देना भारत की यहूदियों का स्वागत करने की परंपरा में था, जो हजारों साल पुरानी है।

उन्होंने कहा कि शरण मिलने के बाद यहूदियों ने भारत की कला, संस्कृति और अर्थव्यवस्था में योगदान दिया।

अकबरुद्दीन ने कहा कि जब नाजियों ने यूरोप में यहूदियों का नरसंहार शुरू किया, उस समय भारत आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था। फिर भी यह शरणार्थियों को शरण प्रदान करने में सफल रहा।


भारत में यहूदियों व अल्पसंख्यकों के मामले में विशेषज्ञ व लेखक केनेथ रॉबिंस ने कहा कि न केवल यहूदियों के लिए, बल्कि कई अन्य लोगों के लिए भारत एक ऐसी जगह रहा, जहां अल्पसंख्यक विकास करने में सक्षम रहे।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)