संयुक्त राष्ट्र, 27 सितम्बर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए भारत पर निशाना साधा।
उन्होंने अपने संबोधन में उन्हीं सब बातों को दोहराया, जो वह बीते कुछ सप्ताह से कर रहे थे। इमरान खान ने शीर्ष विश्व फॉरम को भी अपने संप्रदायिक दृष्टिकोण से नहीं बख्शा। उन्होंने खुले तौर पर ‘आरएसएस के भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी’ द्वारा ‘मुस्लिमों के जातीय नरसंहार’ के खिलाफ वैश्विक मुस्लिम भावना से अपील की।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट किया, “जब प्रधानमंत्री ने मोहम्मद पैंगबर का संदर्भ दिया, कई मुस्लिम राजनयिक के आंखों में आंसू थे। इस भाषण को याद किया जाएगा, आने वाले समय में इसका संदर्भ दिया जाएगा।”
अपने देश और इसकी समस्या को नजरअंदाज करते हुए, इमरान खान ने अपना ध्यान पूरी तरह से कश्मीर पर दिया।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत के जम्मू एवं कश्मीर में जब कर्फ्यू हटेगा, तब वहां खूनखराबा होगा। तब क्या होगा। क्या किसी ने इस बारे में सोचा है।
मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “नस्लीय श्रेष्ठता की भावना और घमंड की वजह से आदमी गलतियां करता है और गलत निर्णय लेता है।”
उन्होंने पांच अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का संदर्भ दिया।
इमरान खान ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘तब एक और पुलवामा होगा और तब भारत पाकिस्तान पर आरोप लगाएगा।’
जम्मू एवं कश्मीर में 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मुहम्मद के ऑपरेटिव द्वारा किए आत्मघाती हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
उन्होंने कहा, “आरएसएस मुस्लिमों के जातीय सफाये पर विश्वास करता है और प्रधानमंत्री मोदी आरएसएस के नेता हैं।”
लगातार इस्लाम और मोहम्मद पैगंबर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “मोहम्मद पैगंबर हमारे दिलों में बसते हैं और दिल का दर्द शरीर के दर्द से ज्यादा बड़ा है।”