यूनिसेफ का आह्वान, रोहिंग्याओं के लिए शिक्षा में निवेश करें

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संयुक्त राष्ट्र, 17 अगस्त (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की एक नई रिपोर्ट में दक्षिणपूर्वी बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों में तत्काल निवेश करने का आह्वान किया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने शुक्रवार को कहा कि रोहिंग्या बच्चों और युवाओं के लिए बांग्लादेश में अब महज किसी तरह गुजारा कर जीवित रहना काफी नहीं है।

उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से महत्वपूर्ण है कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और कौशल विकास प्रदान किया जाए, जिससे उन्हें अपने दीर्घकालिक भविष्य की गारंटी मिलने की जरूरत है।”


‘बियॉन्ड सर्वाइवल’ में म्यांमार में हिंसा के चलते दो साल पहले वहां से भागे लगभग 745,000 रोहिंग्या नागरिकों के बारे में रिपोर्ट है।

रिपोर्ट के अनुसार, जून 2019 तक, समग्र शिक्षा क्षेत्र ने 4 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के 280,000 बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा प्रदान की। यूनिसेफ और इसके सहयोगियों ने उन 192,000 बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित की है, जिन्होंने 2,167 शिक्षण केंद्रों में दाखिला लिया है।

हालांकि, यह उन 25,000 से अधिक बच्चों को छोड़ देता है जो किसी भी लर्निग प्रोग्राम में भाग नहीं ले रहे हैं और अतिरिक्त 640 शिक्षण केंद्रों की जरूरत है। इसके अलावा, 15 से 18 वर्ष के 97 प्रतिशत बच्चे किसी भी तरह के शिक्षण केंद्र में नहीं जाते।


यूनिसेफ और अन्य एजेंसियां म्यांमार और बांग्लादेश की सरकारों से आह्वान कर रही हैं कि वे रोहिंग्या बच्चों के लिए अधिक संरचित शिक्षा प्रदान करने में मदद करने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक संसाधनों, जैसे कि पाठ्यक्रम, लर्निग और ट्रेनिंग मैन्युअल और मूल्यांकन पद्धतियों का उपयोग करने की अनुमति दें।

फोर ने कहा कि शिक्षण और प्रशिक्षण सामग्री प्रदान करना एक बहुत बड़ा काम है और इसे सिर्फ सहयोगियों के पूर्ण समर्थन के साथ ही पूरा किया जा सकता है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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