यूपी में एमएसएमई इकाइयां अब पकड़ेंगी रफ्तार, देंगी रोजगार

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लखनऊ, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों के विकास की राह में अब धन की कमी आड़े नहीं आएगी। एमएसएमई अपना उत्पादन और व्यापार और तेजी से बढ़ाकर रोजगार उपलब्ध करा सकेंगी। प्रदेश की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली इन छोटी इकाइयों को मजबूत करने के लिए योगी सरकार बड़ा ऋण देने जा रही है। राज्य सरकार गुरुवार को भव्य ऋण वितरण मेला आयोजित करने जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित इस लोन मेले में एमएसएमई क्षेत्र की कुल 3,24,911 इकाइयों को 9074 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जाएगा।


सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दस लाभार्थियों को अपने हाथों से स्वीकृत ऋण प्रमाणपत्र सौंपकर इसकी शुरुआत करेंगे। ऋण वितरण मेले के दौरान आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत 29914 इकाइयों को 1316 करोड़ रुपये ऋण के रूप में दिए जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 5,000 प्रशिक्षार्थियों को उनके व्यवसाय से संबंधी आधुनिक टूलकिट का वितरण ऑनलाइन करेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य सरकार ने स्वरोजगार कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। इसके तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक जिले में लोन मेला आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्तियों को लोन मेले के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण उपलब्ध कराया जाए। बैंकों को शाखावार लक्ष्य तय किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए हैं।

उन्होंने कहा कि स्टैंडअप इंडिया स्कीम के माध्यम से प्रत्येक बैंक शाखा कम से कम एक अनुसूचित जाति व जनजाति और एक महिला उद्यमी को ऋण जरूर उपलब्ध कराए।


मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रत्येक जिले में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के लिए रोजगार प्लान तैयार किया गया है। एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत टूल किटों के वितरण पर खास जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पहले से ही एक्सपोर्ट प्लान तैयार करवाया जा रहा है। चालू वित्तवर्ष में एमएसएमई विभाग के लिए 50 लाख लोगों को रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है।

गुरुवार को आयोजित होने वाले लोन मेले के माध्यम से कुल 3,54,825 एमएसएमई इकाइयों को 10,390 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जाएगा। इसके तहत एमएसएमई क्षेत्र की 3,24,911 इकाइयों को 9074 करोड़ रुपये और आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत 29914 इकाइयों को 1316 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जाएगा। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद, वित्त पोषण सहायता योजना, मुद्रा योजना एवं अन्य एमएसएमई योजनाओं में यह ऋण वितरित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाले ऋण वितरण कार्यक्रम में ओडीओपी कार्यक्रम के अंतर्गत 10 लाभार्थियों को ऋण एवं टूलकिट्स का वितरण किया जाएगा। इस ऋण वितरण मेले के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 5,000 प्रशिक्षार्थियों को उनके व्यवसाय से संबंधी उन्नत टूलकिट का वितरण आनलाइन किया जाएगा।

ये टूलकिट्स हैंडलूम, हेंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल, मेटल शिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, पॉटरी आदि से संबंधित हैं।

एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण योजना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में 16,000 प्रशिक्षार्थियों को कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है।

कोरोना संकट के दौरान राज्य में रोजगार सृजन के तहत शुरू हुई ऋण वितरण योजना के चलते अभी तक छह लाख से अधिक नई इकाइयों को 18 हजार करोड़ रुपये का ऋण दिया जा चुका है। इससे बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन हुआ है। बीती 14 मई से अब तक प्रदेश की 6.24 लाख नई एमएसएमई इकाइयों को बैंकों ने 18330 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया है।

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के माध्यम से पूर्व संचालित 4.37 लाख एमएसएमई इकाइयों को कुल 10.847 करोड़ रुपये का ऋण दिया जा चुका है। इस तरह से बैंकों के माध्यम से विभिन्न श्रेणी की एमएसएमई इकाइयों को 29 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश के 36 हजार अनुसूचित जाति व जनजाति एवं महिला उद्यमियों को लोन मेले का लाभ मिला है।

–आईएएनएस

वीकेटी/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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