22वें शांगहाई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में नाग अश्विन की ‘महानटी’ का जमा रंग

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बीजिंग, 24 जून (आईएएनएस)| शांगहाई में 22वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में तेलुगू निर्देशक नाग अश्विन अपनी फिल्म महानटी लेकर आए हैं। यह एक बायोपिक है, जो वर्ष 2018 में बनी थी। यह फिल्म 1950-60 के दशक में सुपरहिट फिल्म अभिनेत्री सावित्री के जीवन पर आधारित है। बकौल नाग अश्विन, “इस दौर में सावित्री पूरे भारत में सबसे प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। इसके साथ ही वह अपने समय की सबसे महंगी अभीनेत्री भी थीं। उनकी फीस अभिनेताओं से भी ज्यादा हुआ करती थी। उन्होंने हिन्दी में भी पांच फिल्मों में काम किया था। इसके अलावा मलयालम, कन्नड़, तेलुगू और तमिल सिनेमा में अपनी अमिट छाप छोड़ी।”

निर्देशक नाग अश्विन ने बताया कि सावित्री मीना कुमारी की समकालीन अभिनेत्री थीं।

नाग अश्विन ने चाइना रेडियो इंटरनेशनल (सीआरआई) को बताया कि उनकी यह फिल्म अभी हिन्दी में भी डब होने वाली है, और ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, प्राग और नीदरलैंड्स फिल्म महोत्सव में शामिल हो चुकी है। अभी यह फिल्म शांगहाई फिल्म महोत्सव में आई है। महानटी फिल्म को आलोचकों, बॉक्स ऑफिस और दर्शकों का बहुत प्यार मिला, और आईएमडीबी पर इसे एक साल बाद भी नौ अंक मिले हैं।

निर्देशक नाग अश्विन ने सीआरआई को बताया कि सावित्री अपने समय की सबसे प्रसिद्ध अभिनेत्री तो थीं ही, उनकी जीवनशैली भी बहुत अनोखी थी। इसके साथ-साथ वह अपनी समकालीन अभिनेत्रियों में बहुत विशेष थीं, जिसकी वजह से नाग अश्विन का झुकाव यह फिल्म बनाने की तरफ हुआ।

फिल्म अभिनेत्री सावित्री की कहानी बहुत दिलचस्प और नाटकीय थी। वह एक छोटे से गांव से आईं थीं। उनकी ऊंचाई पर चढ़ने और फिर उनके पतन की कहानी बहुत दिलचस्प है।

नाग अश्विन ने इससे पहले ‘यवड़ी सुब्रह्मण्यम’ तेलुगू फिल्म बनाई थी और ‘महानटी’ उनकी दूसरी फिल्म है। अश्विन की पहली फिल्म भी सुपर हिट रही थी, जिसके बाद इन्होंने ‘महानटी’ बनाई।

इसके साथ ही नाग अश्विन ने तेलुगू फिल्मों के बारे में यह भी बताया कि पिछले पांच वर्षो में न सिर्फ तेलुगू में, बल्कि सभी भारतीय फिल्मों में कहानी में बदलाव आया है। बड़ी-बड़ी मसाला फिल्में फ्लॉप हो रही हैं। इसलिए निर्माताओं को समझ में आ रहा है कि अब लोग एक बदलाव चाहते हैं।

वहीं निर्देशन स्टाइल में भी परिवर्तन आ रहा है, जिसके बारे में निर्देशक नाग अश्विन ने बताया, “नई पीढ़ी नए तरह से कहानी को देखना चाहती है। यह बदलाव इसलिए भी आ रहा है, क्योंकि समय के बदलाव के साथ नई पीढ़ी के निर्देशक अपनी कहानी को नए तरह से दर्शकों के सामने पेश करना चाहते हैं। आने वाले समय में तेलुगू फिल्मों में और बदलाव आएगा, लोग नई कहानियों के साथ आ रहे हैं। बॉक्स ऑफिस के समीकरण पर भी लोग ध्यान दे रहे हैं। नई कहानियों में निर्माता पैसे लगा रहे हैं, जिससे यह बदलाव बेहतरी की ओर जा रहा है। आने वाले समय में दर्शकों को और बेहतर फिल्में देखने को मिलेंगी। जिसमें उच्चस्तर की तकनीक का भी इस्तेमाल होगा।”

(साभार–चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)

 

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