45 देशों की अबैकस प्रतियोगिता में चैंपियन बने नोएडा के भाई-बहन

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नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)। देशभर के छात्रों के बीच हुई एक बौद्धिक प्रतियोगिता ब्रेन ओ ब्रेन के 6वें इंटरनेशनल ऑनलाइन प्रतियोगिता नोएडा के सम्यक राज सिंह और नव्या सिंह इंटरनेशनल चैंपियन बने हैं। प्रतियोगिता जीतने वाले यह दोनों छात्र भाई बहन बहन हैं। गणित के जिस जटिल गुणा-भाग, जोड़-घटाव को करने के लिए कैलकुलेटर की जरुरत पड़ती है, ये दोनों बच्चे उसे पलक झपकते ही हल कर देते हैं।

इस बौद्धिक प्रतियोगिता में 45 देश के 25 हजार से ज्यादा बच्चे शामिल हुए थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्यक और नव्या ने इस प्रतियोगिता में चैंपियनशीप हासिल की। सम्यक राज सिंह चौथी कक्षा में पढ़ते हैं, जबकि नव्या सिंह सीनियर केजी की छात्रा हैं।

ये दोनों बच्चे नोएडा में अबैकस की ट्रेनिंग ले रहे हैं। कोरोना की वजह से इन दिनों ऑनलाइन ही ट्रेनिंग दी जा रही है। इंटरनेशनल ऑनलाइन प्रतियोगिता में नोएडा के सेक्टर 52 से सम्यक और नव्या के साथ 7 बच्चे चैंपियन हुए, जबकि दो बच्चों को गोल्ड और तीन को रजत पदक मिला।

नोएडा सेक्टर 52 की संचालिका सीमा शर्मा ने दोनों बच्चों की कामयाबी पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि ये बच्चे काफी होनहार हैं और उन्हें पूरी उम्मीद थी कि ये दोनों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कमाल करेंगे। नव्या महज 6 महीने से ही ट्रेनिंग ले रही हैं ,जबकि सम्यक 2 साल से अबैकस के गुर सीख रहे हैं।

अबैकस एक प्राचीन गणना की विधि है जिसके जरिए पलक झपकते बड़े-से-बड़े गणितीय समीकरण को हल किया जा सकता है । सम्यक और नव्य ने इस विधा में अपनी-अपनी कैटेगेरी में इतिहास रचा है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गौड़ सिटी में रहने वाले इन दोनों भाई-बहन की जोड़ी ने इससे पहले रिजनल स्तर पर भी कमाल किया था। चार राज्यों के बच्चों के बीच इन सम्यक और नव्या सिंह ने चैंपियनशीप की ट्राफी अपने नाम की थी।

दोनों बच्चे नोएडा में अपने मामा मामी के साथ रहते हैं। यह प्रतियोगिता जीतने पर नव्या के मामा प्रशांत सिंह ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा, कोरोना के वक्त जब बच्चे घर से बाहर नहीं निकल पाते हैं। उनकी जिंदगी में ऐसी प्रतियोगिता कमाल का असर करती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चैंपियनशीप अवॉर्ड जीतना मील का पत्थर साबित होता है।

अबैकस एक लैटिन शब्द है। इसका मतलब टेबल या टैबलेट होता है। ब्रेन ओ ब्रेन में पहले बच्चों को बीड्स पर गणित के गुणा-भाग,जोड़-घटाव सिखाए जाते हैं और फिर उंगलियों के जरिए तकनीक बताई जाती है। ऐसे बच्चे बहुत ही कम समय में बड़े-बड़े हिसाब का जवाब दे देते हैं। उंगलियों की बाजीगरी के माहिर सम्यक और नव्या ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये कमाल किया है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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