नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)। तिब्बत को लेकर किए गए आईएएनएस सी-वोटर के सर्वेक्षण में अधिकतर उत्तरदाताओं ने भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर हो रहे विवाद को रोकने के मद्देनजर तिब्बत की स्थिति को एक बफर जोन के रूप में बहाल किए जाने का समर्थन किया।
क्या आपको लगता है कि भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर हो रहे संघर्ष को रोकने के लिए एक बफर जोन या शांति क्षेत्र के रूप में तिब्बत की ऐतिहासिक स्थिति को बहाल किया जाना महत्वपूर्ण है? 73.7 फीसदी उत्तरदाताओं ने इस सवाल का जवाब हां में दिया, जबकि 13.8 फीसदियों ने जवाब ना में दिया और 12.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।
इस सर्वेक्षण में एक नमूने के तौर पर देशभर से 3,000 लोगों से बात की गई।
लिंग के आधार पर बात करें, तो 13.4 प्रतिशत पुरुषों ने जवाब दिया कि वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं देंगे, 72.8 प्रतिशत लोगों ने सवाल के साथ अपनी सहमति दिखाई है, जबकि 13.8 फीसदी पुरुषों ने इस पर जवाब ना में दिया है। अगर महिलाओं की बात करें, तो 74.7 फीसदी महिलाओं ने अपनी सहमति दिखाई है, 13.7 ने जवाब ना में दिया है, जबकि 11.7 फीसदियों ने कोई टिप्पणी नहीं की है।
इन उत्तरदाताओं में से 18 से 24 साल तक की आयु सीमा के बीच के 12.0 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इस मामले पर अपनी कोई टिप्पणी नहीं देंगे, 73.5 फीसदियों का जवाब हां में रहा, जबकि 14.5 फीसदी लोगों ने जवाब ना में दिया। उत्तरदाताओं में से जिनकी उम्र 25 से 34 के बीच में रही, उनमें से 12.2 फीसदी लोग इस पर कुछ सटीकता से नहीं कह पाए, 72.5 फीसदी सहमत नजर आए और 15.3 फीसदी उत्तरदाताओं का जवाब ना में रहा।
कम शिक्षित वर्ग के लोगों से जब यही सवाल पूछा गया, तो अधिकतम 16.9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इस पर कोई बात नहीं कर सकते हैं, 67.2 फीसदियों ने सहमति दिखाई, जबकि 15.9 प्रतिशत लोगों ने ना में जवाब दिया।
मध्यम शिक्षित वर्ग के 8.4 प्रतिशत लोगों ने इस पर बात नहीं की, 79.9 प्रतिशत लोगों ने हां में जवाब दिया और 11.7 लोगों ने कहा कि वे इस सवाल से सहमत नहीं हैं।
उच्च शिक्षित वर्ग के 12 फीसदी लोगों ने इस पर अपनी कोई राय नहीं दी, 73.8 प्रतिशत लोगों ने हां कहा, जबकि 14.2 प्रतिशत लोगों ने ना में जवाब दिया।
सर्वेक्षण के मुताबिक, निम्न आय वर्ग के 16.6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं देंगे, 68.3 प्रतिशत लोगों ने जवाब हां में दिया और 15.1 प्रतिशत लोगों ने ना में जवाब दिया।
मध्यम आय वर्ग के 8.1 प्रतिशत लोगों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, 80 फीसदियों ने सहमति दिखाई, जबकि 11.9 प्रतिशत लोगों ने जवाब ना में दिया।
उच्च आय वर्ग के 5.3 प्रतिशत लोगों ने सवाल पर कोई बात नहीं की, 80 प्रतिशत लोगों ने हां कहा और 14.7 लोगों का जवाब ना में रहा।
–आईएएनएस
एएसएन-एसकेपी
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