आधुनिक तकनीक से संपन्न है चीनी काउंटी

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बीजिंग, 9 जनवरी (आईएएनएस)। भारत जैसे देश में कृषि आमदनी बढ़ाकर गरीबी को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। क्योंकि यहां करीब 70 फीसदी आबादी गांवों में रहती है, जिसमें से आधे से अधिक लोग कृषि के क्षेत्र में लगे हैं। अगर कृषि योग्य भूमि की बात की जाए, तो अमेरिका इस मामले में नंबर एक है और भारत नंबर दो। हालांकि देश का कुल भू-क्षेत्र चीन के एक तिहाई से थोड़ा ही ज्यादा है, लेकिन भारत की कृषि योग्य भूमि चीन से ज्यादा है।

फिर भी भारत गेहूं और चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, पहला नंबर चीन का है, जो भारत के मुकाबले 40 फीसदी ज्यादा गेहूं और चावल का उत्पादन करता है। भारत फल और सब्जी उत्पादन में भी चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। चीन में तो फल उत्पादन भारत की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। भारत आम और केला उत्पादन में पहले स्थान पर है। मसालों के उत्पादन, उपभोग और निर्यात में भारत पहले स्थान पर है।

दक्षिण-पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत के छुश्योंग यी स्वायत्त प्रान्त की एक काउंटी – युआनमो काउंटी का वातावरण पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त और ताजी हवा से भरपूर है, जमीन की उत्पादकता भी बहुत अच्छी है। वहां की जलवायु ताजा फल और सब्जियों की सभी किस्मों की उपलब्धता को सुनिश्चित करती है।

युआनमो काउंटी में टमाटर, शिमला मिर्च, माओतोउ (एक प्रकार की चीनी फली) आदि का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। देखा जाए तो विशाल उत्पादन की वजह से युआनमो काउंटी के पास निर्यात के काफी अवसर हैं, जिसे देखते हुए इस काउंटी को अकसर सब्जियों का गढ़ भी कहा जाता है।

दरअसल, चीन और भारत दोनों देशों में, खेतों के छोटे आकार मशीनों के इस्तेमाल में बाधक होते हैं। लेकिन चीन में भारत के मुकाबले उर्वरकों का इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है। इसके अलावा चीन पैदावार बढ़ाने और तेजी से उन्नत होने वाली फसलों की किस्मों के लिए होने वाले कृषि शोध और विकास पर भारत के मुकाबले बहुत अधिक निवेश करता है। बेहतर सिंचाई और दो-तीन बार बुआई के द्वारा तेज खेती चीन की अच्छी पैदावार के प्रमुख कारण हैं। कृषि के क्षेत्र में शोध पर चीन भारत की तुलना में दो गुना से भी ज्यादा खर्च करता है।

चीन के युआनमो काउंटी में टमाटर का उत्पादन सबसे अधिक होता है। इस काउंटी में 40 हजार हेक्टेयर के क्षेत्र में 50 से अधिक किस्मों के टमाटर उगाये जाते हैं, जिन्हें देश-विदेश में बेचा जाता है। युआनमो काउंटी के टमाटर ज्यादातर रूस, जापान आदि देशों में जाते हैं, वहां इनकी बहुत मांग होती है।

चीन के शिन्च्यांग प्रांत की राजधानी उरूमची में भी यहां के टमाटर जाते हैं। युआनमो काउंटी की सरकार कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर जोर देती है। वहां के किसान खेती की पद्धतियों के आधुनिकीकरण के जरिये कृषि क्षेत्र में नई जान फूंकने और गुणवत्ता पर समझौता किए बगैर फसल की उत्पादकता बढ़ाने को महत्व देते हैं। यह बात सौ फीसदी सही है कि कृषि के विकास के लिए नई तकनीक को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है।

उत्पादकता बढ़ाना जहां ऊजार्वान कृषि क्षेत्र के लिए एक अनिवार्य घटक है, वहीं फसल कटाई के बाद उसके रखरखाव और प्रोसेसिंग में भी सुधार लाना आवश्यक है। ताकि मूल्यवर्धन, बबार्दी में कमी और अच्छी क्वालिटी वाले उत्पादों का बाजार तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सके।

युआनमो काउंटी में कृषि के समृद्ध होने की मुख्य वजह वहां की जलवायु, स्वच्छ वातावरण, साल भर बढ़िया तापमान का बने रहना आदि है। वहां की जलवायु और प्रचुर संसाधन उत्पादन बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। वहां के किसान उत्पादकता बढ़ाने में तकनीक और नये-नये विचारों का इस्तेमाल करते हैं। फसलों को कीट से बचाने के लिए सफेद पन्नी से टेन्ट नुमा घर बनाते हैं और जगह-जगह फसलों के बीच पीले बोर्ड लगाते हैं, जिस पर गोंद लगी होती है। कीट-मकौड़े जो फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, वे उस पर चिपक जाते हैं।

इस तरह का नवाचार वहां की कृषि उत्पाद बढ़ाने में कारगर रहता है। इसके अलावा फसलों की सिंचाई करने के लिए एक मोटे-से पाइप में अलग-अलग छोटे पाइप जोड़े जाते हैं, जिससे सभी फसलों को पानी मिल जाता है। इस तरह वहां के किसान खेती-बाड़ी की गतिविधियों को ज्यादा कारगर और भूमि की उत्पादकता बढ़ाते हैं।

युआनमो काउंटी में 50 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर ही निर्भर है। युआनमो काउंटी के लोगों के लिए कृषि ही आय का मुख्य स्रोत है। वहां की स्थानीय सरकार किसानों को पूरा सहयोग देती है। सरकार किसानों के उत्पादों के मूल्यवर्धन और प्रोसेसिंग, खरीद और विपणन के संपर्क मजबूत बनाने के लिए वर्तमान बुनियादी सुविधाओं पर खासा ध्यान देती है।

किसानों को अच्छे किस्म के बीज, कृषि की उच्च तकनीक और आधुनिक उपकरण मुहैया करवाती है। वहां के किसान हर मौसम में अलग-अलग फसलों की पैदावार करते हैं। युआनमो काउंटी की सर्दियां फसलों के उत्पादन के लिए बहुत बढ़िया रहती है, क्योंकि सर्दियों में अधिकतम तापमान 21 डिग्री रहता है, जो फसलों के लिए वरदान जैसा है। किसान उत्पादकता बढ़ाने के लिए अच्छे और स्पेशल किस्म के बीजों का उपयोग करते हैं, जिससे फसलों की पैदावार ज्यादा से ज्यादा होती है।

(साभार—-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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