नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)| संकटग्रस्त आईएलएंडएफएस समूह ने पिछले साल अक्टूबर में नए निदेशक मंडल द्वारा लागत घटाने के उपायों के तहत अपने 43 फीसदी कर्मचारियों को हटा दिया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच के समक्ष दाखिल समूह की समाधान प्रक्रिया की अपनी पांचवी प्रगति रिपोर्ट में कंपनी ने कहा इन कदमों से वेतन के बिल में करीब 47 फीसदी कमी करने में मदद मिली है।
रिपोर्ट में कहा गया, “कार्यबल के इष्टतम उपयोग पहल को समूचे समूह में लागू किया है और कर्मचारियों की संख्या में 1 अक्टूबर 2018 से 30 जून 2019 के बीच 43 फीसदी की कटौती की गई, जिसमें वेतन पर होनेवाले सालाना खर्च में 47 फीसदी की बचत हुई है।”
ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश किए गए पांचवी प्रगति रिपोर्ट में कहा गया है कि उदय कोटक की अगुवाई में नए निदेशक मंडल अवसंरचना क्षेत्र की दिग्गज कर्जदाता के लिए कार्यबल के इष्टतम उपयोग की परिकल्पना की है।
नवीनतम प्रगति रिपोर्ट में कहा गया है कि निदेशक मंडल ने आईएलएंडएफएस, आईटीएनएल, आईएफआईएन, आईएल एंड एफएस एनर्जी डेवलपमेंट कंपनी और आईएल एंड एफएस इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (आईईसीसीएल) सहित समूह की आठ अन्य संस्थाओं में अनावश्यक भूमिकाओं और कार्यों की पहचान की है।
आईईसीसीएल के मामले में कंपनी के कार्यबल में अक्टूबर 2018 से जून 2019 के बीच 57 फीसदी की कटौती की गई, जिससे कंपनी को मजदूरी बिल में 58 फीसदी की बचत हुई। रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी के स्थायी कर्मचारियों के अलावा उपरोक्त अवधि में ठेका पर काम करनेवाले कर्मचारियों में 90 फीसदी की कटौती की गई।
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