176 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई कभी भी मैच में नहीं दिखी। उसके लिए एक बार फिर सिर्फ फाफ डु प्लेसिस (43) अकेले लड़े। चेन्नई 20 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 131 रन ही बना सकी।
दिल्ली के गेंदबाजों ने चेन्नई के बल्लेबाजों पर पूरी तरह से अंकुश लगाए रखा। विकेट को भांप दिल्ली के कप्तान श्रेयस अय्यर ने बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल को शुरुआत में ही गेंद थमा दी। इसका फायदा भी उन्हें मिला क्योंकि पटेल ने शेन वाटसन (14) का विकेट दिल्ली को दिला दिया।
मुरली विजय (10) एक बार फिर असफल रहे। छह ओवरों में चेन्नई का स्कोर 34 रनों पर दो विकेट था। दिल्ली के गेंदबाजों ने चेन्नई की रनगति को ज्यादा बढ़ने नहीं दिया। एक छोर पर खड़े फाफ को समर्थन की जरूरत थी ताकि वह स्कोरबोर्ड को तेजी से चला सकें। रन आ नहीं रहे थे लेकिन विकेट जा रहे थे। रितुराज गायकवाड (5) एक बार फिर उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे और रन आउट हुो गए।
10 ओवरों में चेन्नई सिर्फ 47 रन ही बना पाई थी जबिक तीन विकेट उसने खो दिए थे। समय हाथ से निकलता ़जा रहा था और इसी कारण फाफ तेजी से रन बनाने की कोशिश में थे। उन्होंने कोशिश शुरू की और शिमरन हेटमायेर ने उन्हें जीवनदान भी दे दिया। हेटमायेर ने 12वें ओवर की चौथी गेंद पर फाफ का कैच छोड दिया।
गायकवाड का स्थान लेने आए केदार जाधव (26) ने डु प्लेसिस के साथ टीम को जिताने की कोशिश की और रनगति बढ़ाई। एनरिक नोर्टजे ने उनकी पारी को ज्यादा आगे नहीं जाने दिया। यहां से चेन्नई के लिए काफी देर हो चुकी थी और हार से वह बस औपचारिकता मात्र दूर थी। फिर भी डु प्लेसिस ने कोशिश की और लड़ते रहे।
कैगिसो रबादा ने 18वें ओवर में उन्हें पवेलियन भेज चेन्नई का पांचवां विकेट गिरा दाया।
धोनी (15) आखिरी ओवर में आउट हुए। रवींद्र जडेजा (12) मैच की आखिरी गेंद पर पवेलियन लौटे।
दिल्ली के लिए रबादा ने तीन और एनरिक ने दो विकेट लिए।
दिल्ली से पहले चेन्नई के गेंदबाजों ने भी विकेट से मिल रही मदद का फायदा उठाते हुए दिल्ली की सलामी जोड़ी को हाथ खोलने नहीं दिए। पृथ्वी शॉ और शिखर धवन ने पावर प्ले में सिर्फ 36 रन ही बनाए। धीरे-धीरे इन दोनों ने रनगति तेज की और टीम को 10 ओवरों में टीम का स्कोर बिना विकेट के 88 रन कर दिया।
लेग स्पिनर पीयूष चावला ने धवन ( 35 रन, 27 गेंद, 3 चौके, 1 छक्का) को आउट कर चेन्नई को पहली सफलता दिलाई। धवन ने शॉ के साथ पहले विकेट के लिए 94 रनों की साझेदारी की।
इसके बाद श़ॉ (64 रन, 43 रन, 9 चौके, 1 छक्का) भी चावला की गेंद पर धोनी के हाथों स्टम्पिंग कर दिए गए।
ऋषभ पंत से उम्मीद थी कि वह अपने आक्रामक अंदाज में टीम को विशाल स्कोर तक ले जाएंगे और यही उम्मीद कप्तान श्रेयस अय्यर से थी। दोनो ने कोशिशें तो की लेकिन ज्यादा आक्रामकता नहीं दिखा पाए। इन दोनों ने सिर्फ स्कोरबोर्ड को थोड़ी तेजी से चलाए रखा।
अय्यर ( 26 रन, 22 गेंद,1 चौका) सैम कुरैन की गेंद पर धोनी को कैच दे बैठे। पंत ने नाबाद 37 रन बनाए।
दिल्ली ने हालांकि जो स्कोर बनाया था वो विकेट के लिहाज से काफी था और वह आसानी से प्रभावी गेंदबाजी के चलते इसे बचा पाने में भी सफल रही।
–आईएएनएस
एकेयू/जेएनएस
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