दिल्ली ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान श्रेयस अय्यर (88 रन, 38 गेंद, 7 छक्के, 6 चौके), पृथ्वी शॉ (66 रन, 41 गेंद, 4 चौके, 4 छक्के) की मदद से 20 ओवरों में चार विकेट खोकर 228 रन बनाए। कोलकाता के पास जो बल्लेबाजी है खासकर आंद्र रसेल के रहते, उससे उम्मीद थी कि टीम यह लक्ष्य हासिल कर लेगी। रसेल तो विफल रहे लेकिन नीतीश राणा (58 रन, 35 गेंद, 4 चौके, 4 छक्के), इयोन मोर्गन (44 रन, 18 गेंद, 5 छक्के, 1 चौका), राहुल त्रिपाठी (36 रन, 16 गेंद 3 चौके, 3 छक्के) ने कोलकाता को जीत दिलाने की कोशिश की, यह लोग भी असफल रहे। टीम पूरे ओवर खेलनेके बाद आठ विकेट खोकर 210 रन ही बना सकी।
आखिरी चार ओवर में कोलकाता को 78 रनों की जरूरत थी। 17वें ओवर में कोलकाता ने 24 रन लिए। 18वें में 23 रन आए। आखिरी दो ओवरों में 31 रनों की जरूरत थी। 19वें ओवर में मोर्गन आउट हो गए। आखिरी ओवर में राहुल भी आउट हो गए और कोलकाता करिश्मा करने से चूक गई।
229 रनों के विशाल लक्ष्य के सामने कोलकाता को अच्छी शुरुआत नहीं मिली। दूसरे ओवर में सुनील नारायण (3) आउट हो गए। पहला विकेट जल्दी खोने की कोलकाता की मानो आदत सी है और इससे बाहर निकलना भी। दिल्ली के खिलाफ भी टीम ने यही किया। दूसरे सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल (28) और नीतीश राणा ने पावर प्ले में टीम का स्कोर 59/1 तक पहुंचा दिया।
गिल को आठवें ओवर में अमित मिश्रा ने आउट कर दिया। गिल लंबा शॉट मारने गए लेकिन गेंद उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर हवा में गई और पंत ने इस कैच को पकड़ने में गलती नहीं की।
गिल के जाने के बाद कोलकाता के सबसे तूफानी बल्लेबाज रसेल मैदान पर थे। वो आक्रामक हो रहे थे, तभी अय्यर ने अपने ट्रम्प कार्ड कगिसो रबादा को बुलाया और रबादा ने रसेल का विकेट दिला दिया।
रसेल के बाद राणा भी हर्षल पटेल का शिकार बन गए और उनके जाने के बाद टीम का स्कोर 117/4 हो गया। कप्तान दिनेश कार्तिक (6) भी आउट हो गए। यहां से कोलकाता की हार तय हो गई थी मोर्गन और त्रिपाठी ने लड़ाई लड़ी लेकिन वो अंतिम रेखा पार नहीं कर सके।
इससे पहले इस छोटे मैदान पर जिस तरह की रनों की बारिश की उम्मीद थी वो अय्यर, शॉ और पंत ने शुरू में ही दिखा दी।
शुरुआत शॉ ने की। शिखर धवन (26) के साथ पारी की शुरुआत करने आए शॉ ने टीम को तेज शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 56 रन जोड़े। धवन के रूप में दिल्ली ने पहला विकेट खोया जो वरुण चक्रवर्ती का शिकार बने।
धवन के जाने के बाद अय्यर ने कदम रखा और अपना तूफानी अंदाज दिखाया। शॉ भी अपने अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे थे। अर्धशतक पूरा कर चुके शॉ को कमलेश नागरकोटी ने पवेलियन भेजा।
श़ॉ के बाद आए पंत ने तो अपने अंदाज में बल्लेबाजी की। पंत ने सिर्फ 17 गेंदों पर 38 रन बनाए। पंत ने अपनी छोटी सी पारी में पांच चौके और एक छक्का लगाया।
पंत जब आउट हुए तब तक वो अय्यर के साथ मिलकर टीम को 201 के स्कोर तक ले गए थे। अंत में अय्यर अपने शतक की ओर बढ़ते दिख रहे थे, लेकिन आखिरी ओवर में अय्यर को स्ट्राइक नहीं मिली।
आखिरी ओवर लेकर आए रसेल ने टीम को बचा लिया और सिर्फ सात रन दिए। यहां अगर अय्यर पर स्ट्राइक होती तो दिल्ली का स्कोर और ज्यादा हो सकता था और उनका शतक भी पूरा हो सकता था।
–आईएएनएस
एकेयू/एसजीके
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