नई दिल्ली। बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आगमी सीजन को 15 अप्रैल तक के लिए स्थागित कर दिया है। पहले यह टूर्नामेंट 29 मार्च से होना था लेकिन कोरोनोवायरस के कारण इसे स्थागित करने का फैसला लिया है और अब इसकी शुरुआत 15 अप्रैल से होगी। फ्रेंचाइजियों को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि टूर्नामेंट को आयोजित कराने का सबसे सही तरीका यही है कि इसे 15 अप्रैल से शुरू किया जाए।उन्होंने कहा, “हां, टूर्नामेंट को स्थागित करने फैसला अंदरूनी तौर पर ले लिया गया है और अब यह टूर्नामेंट 15 अप्रैल से आयोजित किया जाएगा।”
सरकार ने बुधवार को कुछ अधिकारियों को छोड़कर सभी विदेशी वीजा को 15 अप्रैल तक के लिए रद्द करने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को ही साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी में आईपीएल के मैच आयोजित नहीं किए जाएंगे। बीसीसीआई और आईपीएल टीम के मालिकों की शनिवार को बैठक होनी है।
फ्रेंचाइजियां बिना दर्शकों के मैचों के आयोजन को लेकर तैयार हैं, वह हालांकि अपने विदेशी खिलाड़ियों को इस लीग में चाहती हैं। फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “हां, हमें बता दिया गया है कि आईपीएल अब 15 अप्रैल से शुरू होगा, लेकिन हमें विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता को लेकर सफाई चाहते हैं। अगर हमारे चार विदेशी खिलाड़ी नहीं होंगे तो आईपीएल अपना वर्चस्व खो देगा क्योंकि भारतीय सितारों की तरह ही वह भी हमारी टीम का अहम हिस्सा हैं।”
फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने कहा कि धीरे-धीरे चीजें हमारे हाथ से जा रही हैं क्योंकि एक-एक कर के सभी राज्य सरकारें यह साफ कर रही हैं कि वह आईपीएल मैच आयोजित नहीं कराएंगी और इसे कराने का एक ही तरीका है वो भी बिना दर्शकों के।
अधिकारी ने कहा, “अब आप सरकार ने कहा दिया है कि वह भीड़ जुटने के डर से आईपीएल मैच आयोजित नहीं कराएंगी। ऐसे ही अगर सभी शहर एक-एक कर के मैचों के आयोजन के लिए मना कर देते हैं तो आप मैचों की मेजबानी कहां करेंगे। ऐसे में बिना दर्शकों के मैच कराने के बजाए कोई तरीका नहीं है। इस तरह की स्थिति में सबसे बुरी बात यह होता है कि आपको पता नहीं होता कि हालात और खराब होंगे या सुधरेंगे।”
अधिकारी ने कहा, “आपको क्या पता कि चीजें 15 अप्रैल के ठीक हो जाएं? क्या पता स्थिति और बुरी होगी? यह गंभीर मुद्दा है और हम कल होने वाली बैठक के बाद ही कुछ बोल सकते हैं।”
एक और फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने इस बात में हामी भरते हुए कहा कि लीग को स्थागित करना विकल्प नहीं हो सकता क्योंकि बाद में टीमों को फिर अपने विदेशी खिलाड़ियों के बिना खेलना होगा।
अधिकारी ने कहा, “हमने अपनी टीम चार विदेशी खिलाड़ियों को ध्यान में रखकर बनाई है। अगर यह लीग भी बिना विदेशी खिलाड़ियों के खेली जाती है तो यह सैयद मुश्ताक अली, विजय हजारे ट्रॉफी की तरह ही घरेलू टूर्नामेंट बन जाएगा। इस लीग के वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए जरूरी है कि विदेशी खिलाड़ी इसमें हों। जब यह बात आती है तो किसी तरह से विचारों में भिन्नता नहीं है। इस समय बिना दर्शकों के लीग को आयोजित करना सबसे सही विकल्प है ना कि स्थागन।”
तीसरे अधिकारी ने कहा कि बीसीसीआई के लिए यह जरूरी है कि वह केंद्र सरकार में संबंधित अधिकारियों से बात करें और विदेशी खिलाड़ियों को वीजा दिलवाएं और साथ ही मैचों की मेजबानी के लिए जरूरी अनुमति लें।
अधिकारी ने कहा, “हम सभी विदेशी खिलाड़ियों और उनके वीजा को लेकर बात कर रहे हैं, लेकिन आप आईपीएल का आयोजन मैदानों के बिना नहीं कर सकते। इसलिए यह जरूरी है कि बीसीसीआई अधिकारी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठें और जरूरी मंजूरी लें।”
This post was last modified on March 13, 2020 3:23 PM
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