नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने सोमवार को राज्यों को निर्देश दिया है कि चीन की ग्वांगडोंग वंडो बायोटेक और झुहाई लिवजोन डायग्नोस्टिक्स से खरीदे गए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट का उपयोग न करें। आईसीएमआर ने यह निर्देश इन किट से आए नतीजों में भिन्नता पाए जाने के बाद दिया है।
बयान में कहा गया है कि कई राज्यों ने ट्रायल के दौरान नतीजों के प्रदर्शन पर चिंता जताई है।
शिकायतों के बाद, आईसीएमआर ने कहा कि इसने दो कंपनियों के किट के परीक्षण की स्थितियों का मूल्यांकन किया। एक बयान में कहा गया, “निगरानी के लिए किए गए शुरुआती अच्छे प्रदर्शनों के वादे बाद भी संवेदनशीलता के मामले में नतीजों में खासी भिन्नता देखी गई है।”
“इसे देखते हुए, राज्यों को सलाह दी जाती है कि वे उपर्युक्त कंपनियों से खरीदे गए इन किटों का उपयोग बंद करें और उन्हें वापस आपूर्तिकर्ताओं को भेजें।”
आईसीएमआर ने राज्यों को रैपिड एंटीबॉडी परीक्षण किट प्रदान किए थे और निर्देश दिया था कि उनका उपयोग केवल निगरानी के उद्देश्य के लिए किया जाना है।
आईसीएमआर ने वकालत की कि आरटी-पीसीआर गले या नाक का स्वैब परीक्षण कोविड-19 के परीक्षण के लिए उपयोगी है। यह परीक्षण वायरस का पता लगाता है और यह व्यक्ति को पहचानने और उसे अलग करने के लिए बेहतरीन रणनीति है।
इस महीने की शुरुआत में आईसीएमआर ने राज्यों को दो दिनों के लिए कोविड-19 डायग्नोसिस के लिए रैपिड एंटीबॉडी परीक्षण किट का उपयोग तब तक के लिए बंद करने को कहा था जब तक कि उन्हें फिर से मान्य नहीं किया जाता है।
–आईएएनएस
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