नई दिल्ली, 7 फरवरी (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अपने मौद्रिक नीति रुख को बदलने और वाणिज्यिक बैंकों के लिए प्रमुख ब्याज दर को घटाकर 6.25 फीसदी करने का स्वागत किया है और कहा कि यह बहुत ही ‘संतुलित और व्यवहारिक नीतिगत वक्तव्य है’, जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और छोटे व्यवसायों और घर खरीदारों को किफायती दर पर कर्ज मिलेगा।
सरकार ने इसके अलावा आरबीआई द्वारा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) पर लगाई रोक को हटाने के फैसले का स्वागत किया है, जिसके तहत किसी एक कॉपोरेट में कॉर्पोरेट बांड पोर्टफोलियो में 20 फीसदी निवेश की ही अनुमति थी।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा, “आरबीआई के रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती से यह 6.5 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गया है। साथ ही आरबीआई ने अपने मौद्रिक रुख को ‘तटस्थ’ कर दिया है। इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और छोटे व्यवसायों, घर खरीदारों और अन्य को किफायती दर पर कर्ज मुहैया होगा। इन सबसे रोजगार अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।”
उन्होंने आरबीआई द्वारा चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक समीक्षा में वाणिज्यिक बैंकों के लिए प्रमुख उधार दर को 6.25 फीसदी करने के फैसले पर यह बातें कही।
केंद्रीय बैंक ने इसके अलावा अपनी मौद्रिक नीति रुख को ‘देख-परख कर कठोर रखने’ से बदलकर ‘तटस्थ’ करने का फैसला किया है।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्रा गर्ग ने कहा, “बेहद संतुलित और व्यावहारिक नीतिगत वक्तव्य। विकास दर और मुद्रास्फीति का आकलन काफी यथार्थवादी है और वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की कम मुद्रास्फीति और उच्च विकास दर को रेखांकित करता है।”
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