इस्लामाबाद, 2 नवंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप से बरी हुई ईसाई महिला आसिया बीबी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले नेताओं ने शुक्रवार को अपने अनुयायियों से हड़ताल पर जाने के लिए कहा क्योंकि विरोध प्रदर्शन खत्म करने के लिए पाकिस्तान सरकार से हुई उनकी वार्ता विफल हो गई। कठोर ईशनिंदा कानूनों का समर्थन करने वाली कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के धार्मिक नेता खादिम हुसैन रिजवी ने कहा कि सरकार से वार्ता विफल हो गई है। टीएलपी इससे पहले आसिया बीबी का मामला देख रहे न्यायाधीशों को धमकी दी थी कि अगर आसिया की रिहाई हुई तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
पार्टी ने कहा कि सरकार और देश की मुख्य खुफिया एजेंसी ने उन पर गोलीबारी करने की धमकी दी है।
रिजवी ने ट्विटर पर कहा, “पैगंबर (हजरत मुहम्मद) के चाहने वालों और अहले सुन्नत लोगों को पैगंबर के सम्मान में शहादत के लिए तैयार होना चाहिए।”
सर्वोच्च न्यायालय के बुधवार को आए आदेश के बाद कट्टरपंथियों द्वारा हिंसक प्रदर्शन और धरनों की शुरुआत हो गई है। इमरान खान की अगुआई वाली सरकार ने गुरुवार को टीएलपी से वार्ता करने का निर्णय लिया था।
सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने सरकारी प्रसारणकर्ता पीटीवी को दिए साक्षात्कार में प्रदर्शनकारियों से कानून ना तोड़ने का आग्रह करते हुए कहा, “यह एक कानूनी मामला है और बेहतर होगा कि मामले में कानून के तहत कार्रवाई की जाए।”
दो महिलाओं ने पांच बच्चों की मां आसिया बीबी पर 2009 में मुहम्मद साहब का अपमान करने का आरोप लगाया था और एक अदालत ने 2010 में उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। इसके चार साल बाद लाहौर उच्च न्यायालय ने इस फैसले को सही ठहराया था। लेकिन, सर्वोच्च न्यायालय ने इस फैसले को रद्द करते हुए आसिया बीबी को रिहा करने का आदेश दिया।
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