आयकर विभाग ने वर्ष 2020-21 के लिए कर (टैक्स) रिटर्न भरने के लिए सैकड़ों पन्नों लंबा एक दिशानिर्देश मैनुअल जारी किया है।
आयकर विभाग ने अलग-अलग प्रकार के जमा किए जाने वाले कर रिटर्न दाखिल करने के लिए एक विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं।
ये दिशानिर्देश वित्त वर्ष 2019-2020 से संबंधित आकलन वर्ष 2020-21 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म-1 भरने के लिए करदाताओं की मदद करने के लिए जारी किए गए हैं।
इस रिटर्न फॉर्म का उपयोग उस सामान्य निवासी द्वारा किया जाना है, जिसकी वर्ष 2020-21 में कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है और जिसे कुछ निर्धारित माध्यमों से आय प्राप्त हुई है। इनमें आय वेतन/पेंशन, वन हाउस प्रॉपर्टी से आय, अन्य स्रोतों के तहत ब्याज से प्राप्त आय या कर योग्य पारिवारिक पेंशन शामिल है।
इसके अलावा, ऐसे मामले में जहां किसी अन्य व्यक्ति जैसे पति/पत्नी, नाबालिग बच्चे आदि की आय को कर निर्धारिती की आय के साथ जोड़ा जाना है, इस रिटर्न फॉर्म का उपयोग केवल तभी किया जा सकता है, जब सभी की आय उपरोक्त आय श्रेणियों में आती हो।
आयकर विभाग के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि इस रिटर्न फॉर्म का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं किया जाना चाहिए, जो किसी कंपनी में निदेशक है, उसने पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय किसी भी गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयर लिए हों, उसकी भारत के बाहर कोई संपत्ति हो या भारत के बाहर किसी भी स्रोत से उसे आय प्राप्त होती हो।
इस रिटर्न फॉर्म का उपयोग उस व्यक्ति द्वारा भी नहीं किया जा सकता है, जिसके पास पिछले वर्ष के दौरान व्यवसायों से लाभ, पूंजीगत लाभ, और एक से अधिक घर की संपत्ति से आय प्राप्त हुई हो।
इसके अलावा दिशानिर्देशों में साफतौर पर कहा गया है कि इस फॉर्म का उपयोग तब भी नहीं किया जाना चाहिए, अगर आय लॉटरी से जीतने पर प्राप्त हुई हो या उक्त व्यक्ति रेस के घोड़ों का मालिक हो या ऐसी गतिविधि में शामिल हो।
इसके अलावा इस रिटर्न फॉर्म का उपयोग उस व्यक्ति द्वारा भी नहीं किया जा सकता है, जिसने घर की संपत्ति से आय प्राप्त की हो।
बता दें कि कोरोना काल में आयकर विभाग ने रिटर्न भरने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से मिली जानकारी के अनुसार, अब आम नागरिक, जिन्हें अपने रिटर्न के साथ ऑडिट रिपोर्ट नहीं लगानी पड़ती थी, वह वर्ष 2019-20 के लिए अपना रिटर्न 31 दिसंबर 2020 तक दायर कर सकते हैं। पहले इसके लिए अंतिम तारीख 30 नवंबर 2020 तय की गई थी।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, अब वैसे करदाता, जिनके रिटर्न में ऑडिट रिपोर्ट नहीं लगती है, वह 31 दिसंबर 2020 तक अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। वैसे करदाता, जिनके रिटर्न में ऑडिट रिपोर्ट लगानी पड़ती है, उनके लिए आईटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जनवरी 2021 तय की गई है।
–आईएएनएस
This post was last modified on October 24, 2020 7:58 PM
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