कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल का नेता चुना गया है। लोकसभा में पार्टी का नेता बनने से राहुल गांधी के इनकार करने के बाद यह निर्णय लिया गया। मंगलवार सुबह लंबी रणनीतिक चर्चा के बाद पार्टी ने यह फैसला किया। इस दौरान राहुल गांधी और उनकी मां और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी उपस्थित थीं। अधीर चौधरी का उल्लेख करते हुए लोकसभा को एक पत्र लिखा गया कि वो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता होंगे। पत्र में यह भी लिखा गया कि वो सभी महत्वपूर्ण चयन समितियों में पार्टी का प्रतिनिधित्व भी करेंगे।
गौरतलब है कि रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने लोकसभा सांसदों में से अधीर रंजन को भेजकर इस बात का संकेत भी दिया था। मीडिया खबरों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में अधीर की जुझारू छवि के चलते ही सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि अधीर बड़ा योद्धा है।
बता दें कि अधीर रंजन चौधरी के साथ-साथ केरल के नेता के सुरेश, पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी और तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर भी इस पद के लिए दौड़ में शामिल थे। लेकिन अधीर रंजन चौधरी को आखिरकार लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुना गया।
17वीं लोकसभा में वरिष्ठता के लिहाज से भी अधीर कहीं आगे हैं। लोकसभा में कांग्रेस के सांसदों में अधीर के अलावा सिर्फ सोनिया गांधी 5 बार और केरल के सुरेश 6 बार के सांसद हैं। आने वाले दिनों में बंगाल में विधानसभा के चुनाव भी होने वाले हैं और ममता के खिलाफ अधीर की सियासी लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। इसलिए कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि वो जमीन से जुड़े और सियासी लड़ाई खुलकर लड़ने वाले नेता के साथ हैं।
पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से 5वीं बार सांसद बने अधीर रंजन चौधरी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वह केंद्र सरकार में मंत्री और दो बार विधायक भी रह चुके हैं। अधीर रंजन चौधरी की छवि एक साहसी और जुझारू नेता की रही है। साथ ही अधीर को कांग्रेस आलाकमान का विश्वस्त भी माना जाता है। हालांकि, ममता बनर्जी के मुखर विरोधी होने के चलते लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने अधीर को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।
इसके अलावा अधीर 2009 से 2012 तक रक्षा संबंधी स्थायी समिति, संयुक्त संसदीय समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, प्राक्कलन समिति, परामर्शदात्री समिति, विदेश मंत्रालय, परामर्शदात्री समिति, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के सदस्य रहे। 2012 से 2014 तक केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रहे। मई, 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए चौथी बार निर्वाचित हुए। पिछली लोकसभा में वह गृह मंत्रालय संबंधी स्थायी समिति, संसद सदस्यों के वेतन तथा भत्ते संबंधी संयुक्त समिति, परामर्शदात्री समिति जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्रालय के सदस्य रहे।
This post was last modified on June 18, 2019 3:53 PM
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