अजित डोभाल 28 मार्च की आधी रात पहुंचे थे तबलीगी जमात

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नई दिल्ली, 1 अप्रैल (आईएएनएस)| देश में कोरोना के फैलते पांव और निजामुद्दीन इलाके में मौजूद मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय खुद एनएसए अजित डोभाल ही वहां पहुंच गए थे। डोभाल 28-29 मार्च को रात तब पहुंचे थे, जब जमात के कर्ता-धर्ता पुलिस की बात न मानने पर अड़े हुए थे। डोभाल ने जमात प्रबंधकों से साफ कह दिया था कि उन सबको भीड़ छांटनी ही पड़ेगी। डोभाल के जमात पहुंचने की इस घटना की पुष्टि दक्षिण पूर्वी जिला और निजामुद्दीन थाना पुलिस सूत्रों ने आईएएनएस से की है।

सूत्रों के मुताबिक, अजित डोभाल करीब आधा घंटा मरकज प्रबंधकों के साथ रुके। उस वक्त भी मरकज प्रबंधकों का रुख अड़ियल बना हुआ था। हालांकि पुलिस सूत्रों की मानें तो एनएसए ने दो टूक जमात प्रबंधकों को समझा दिया था कि देश-दुनिया में कोरोना खतरनाक स्टेज पर है, लिहाजा प्रबंधन को अंदर मौजूद भीड़ कम करनी ही होगी।

सूत्रों के मुताबिक, जब एनएसए अजित डोभाल पहुंचे तो मौके पर तमाम सरकारी मशीनरी मय पुलिस अफसरों के आसपास मौजूद थी। जमात प्रबंधकों ने डोभाल के सामने इस बात पर भी ना-नुकुर करनी चाही कि आखिर पुलिस यहां इतनी तादाद में क्यों है? डोभाल ने प्रबंधकों की एक नहीं सुनी।

दक्षिण पूर्वी जिला पुलिस सूत्रों के मुताबिक, “अगर निजामुद्दीन एसएचओ मुकेश वालिया द्वारा 24 मार्च को दिन के वक्त दी गई चेतावनी को जमात प्रबंधन ने गंभीरता से लिया होता, तो शायद एनएसए को जमात मुख्यालय जाना ही नहीं पड़ता। दिल्ली पुलिस के जरिए जब केंद्रीय गृह-मंत्रालय को पता चला कि जमात प्रबंधन हजारों की भीड़ कम करने पर ना-नुकूर कर रहा है, तो मजबूरन 28-29 मार्च की रात एनएसए जमात मुख्यालय पहुंचे थे।”

दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो जिस रात जमात मुख्यालय में एनएसए डोभाल पहुंचे थे, उसके चंद घंटों बाद से ही मरकज तब्लीगी जमात हेडक्वार्टर मुखिया मो. साद कंधालवी संदिग्ध हालात में गायब हैं। उनके बारे में जमात मुख्यालय में भी किसी को कुछ नहीं पता है। ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि अगर जमात मुखिया की मंशा साफ है तो फिर आखिर वह अचानक गायब क्यों हो गए हैं?

इस बारे में मरकज प्रवक्ता डॉ. मो. शोएब अली बुधवार को आईएएनएस से कहा, “मौलाना साद साहब फिलहाल जमात हेडक्वार्टर से बाहर हैं। कहां और क्यों हैं, मैं नहीं बता सकता हूं। हां यह जरूर है कि साद साहब अक्सर परिवार से मिलने घर जाते-आते रहते हैं। संभव है कि वह परिवार से मिलने निकल गए हों।”

 

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