नई दिल्ली, 12 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) अपने 28 नवंबर, 2019 के उस आदेश पर पुनर्विचार कर सकती है, जिसमें उसने अमेजन और फ्यूचर कूपन्स के बीच समझौते को मंजूरी दी थी।
गौरतलब है कि अपनी 2019 की फाइलिंग में अमेजन ने सीसीआई को यह नहीं बताया था कि जब उसने फ्यूचर कूपन्स में निवेश किया था तो उसने बिग बाजार और अन्य कंपनियों के प्रमोटरों को भारत में किसी अन्य रिटेलर के साथ साझेदार बनाने या सहयोग करने एवं बिक्री पर रोक लगाई थी।
सीसीआई ने जो मंजूरी प्रदान की थी वह सशर्त थी। सीसीआई अनुमोदन आदेश के बिंदु 16 में कहा गया है कि अगर अधिग्रहणकर्ता द्वारा दी जानकारी किसी भी वक्त गलत पाई गई तो उसी समय यह आदेश निरस्त हो जाएगा। इस अनुमोदन को अधिनियम के अन्य प्रावधानों के उल्लंघन के लिए आयोग के समक्ष बाद की कार्यवाही से किसी भी तरह से प्रतिरक्षा के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
अमेजन ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कई बार गुहार लगाई कि वह अपने पहले इनकार के अधिकार को बरकरार रखने और रिलायंस समूह के साथ बिग बाजार व अन्य खुदरा व्यवसायों के विलय को रोकने की मांग कर रहा है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम ननकानी ने आईएएनएस को बताया कि अमेजन एक स्व-सेवारत विवाद को बढ़ाते हुए कानूनन अपनी स्थिति से संभावित रूप से समझौता कर चुका है। इस तरह यह संभावित रूप से विभिन्न नियामकों से जांच को आमंत्रित कर रहा है। इस बाबत ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने पहले ही एक जांच शुरू कर दी है। प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा 2019 में दी गई मंजूरी को संशोधित करने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
अमेजन ने अपनी 2019 की फाइलिंग में कहा था कि निवेशक (अमेजन) ने एफसीएल के व्यापार को मजबूत करने व बढ़ाने और कंपनी की वैल्यू में वृद्धि करने के उद्देश्य से एफसीएल में निवेश करने का फैसला किया है। इस उद्देश्य में कॉर्पोरेट ग्राहकों को लॉयल्टी कार्ड्स, कॉर्पोरेट गिफ्ट कार्ड और रिवॉर्ड कार्ड का विपणन और वितरण शामिल है।
इसने यह भी कहा था कि प्रस्तावित संयोजन एफसीएल को डिजिटल भुगतान समाधानों और लॉन्च उत्पादों में वैश्विक रुझान सीखने का अवसर प्रदान करेगा.. इन-बिल्ट भुगतान तंत्र के उपयोग से ग्राहक आधारित और बढ़ी हुई लॉयल्टी प्राप्त हो सकती है।
सीसीआई ने उसके आवेदन का अवलोकन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि फ्यूचर कूपन्स और अमेजन पे एक साथ काम करते हैं तो निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए कोई खतरा नहीं है।
प्रवर्तन निदेशालय ने अमेजन पर एफडीआई कानूनों के उल्लंघन के लिए अपनी जांच शुरू कर दी है। हालांकि अमेजन ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष यह गुहार लगाई है कि इसका समझौता इसे किसी अन्य पार्टी को बिग बाजार और संबद्ध खुदरा व्यवसायों की बिक्री को प्रतिबंधित करने का अधिकार देता है।
सूत्रों ने कहा कि इस मामले की ईडी द्वारा जांच के बाद इस बात की संभावना प्रबल हो गई है कि सीसीआई भी ईडी के नक्शे कदम पर चल सकती है।
–आईएएनएस
एसआरएस/एएनएम
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