बीजिंग, 23 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिका में 22 फरवरी को कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या 5 लाख पहुंच गयी, जो प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध और वियतनाम युद्ध में मारे गये कुल अमेरिकी सैनिकों की संख्या से भी ज्यादा है। अमेरिकी संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंटोनी फाउची ने इसे भयानक करार दिया है।
वहीं इस साल बफीर्ले तूफान से अमेरिका में 76 लोग मारे गए हैं। टेक्सस स्टेट में बड़े पैमाने पर बिजली सप्लाई ठप होने से कई लोगों की मौत ठंड की वजह से हो गयी। लाखों लोग रोशनी और ताप रहित जगहों में फंसे रहे।
लोगों के दिल में यह संदेह आना स्वाभाविक है, क्योंकि विश्व की इकलौती महाशक्ति के यहां ऐसी त्रासदी हुई। आपदा में अमेरिकी राजनीतिज्ञों का प्रदर्शन देखकर उत्तर पाना मुश्किल नहीं है।
इन दो प्राकृतिक आपदाओं का मानव निर्मित आपदाएं बनने का सबसे बड़ा कारण है निजी राजनीतिक स्वार्थ। कोविड-19 महामारी की शुरूआत में अमेरिकी राजनीतिज्ञों ने अपने देश की स्थिति को हल्के में लिया और राजनीति को विज्ञान के ऊपर रखा, जिससे महामारी के नियंत्रण का सबसे अच्छा मौका खो गया। जब बफीर्ला तूफान आया, तो कोलोराडो के मेयर टिम बोइड ने पोस्ट जारी कर दावा किया कि सिर्फ शक्तिशाली जीवित रह सकते हैं, जबकि कमजोर नहीं बच पाएंगे।
गहराई से देखा जाए तो अमेरिका में राजनीति उग्र हो रही है। यह त्रासदी के बार-बार होने का मुख्य कारण भी है। वर्तमान अमेरिका में हर क्षेत्र राजनीतिक संघर्ष का मैदान बन सकता है और हर मुद्दे का राजनीतिकरण हो सकता है। राजनीतिक कुलीन जनता के जीवन, सुरक्षा और हितों के बजाय सिर्फ निजी स्वार्थों पर ध्यान देते हैं और एक-दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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