चंडीगढ, 21 मई (आईएएनएस)। अमेरिका में आतंकवादी संगठन के लिए धन जुटाने का दोषी पाए गए अलकायदा के आतंकवादी मोहम्मद इब्राहिम जुबेर को उसकी सजा पूरी होने के बाद भारत को सौंप दिया गया है।
खुफिया अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि जुबेर को 167 अन्य भारतीयों के साथ दो दिन पहले सौंपा गया।
नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, 19 मई को इन सबको एक विशेष विमान से पंजाब के अमृतसर लाया गया। तब से भारत में पैदा हुए 38 वर्षीय जुबेर को एक क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है।
जांच एजेंसियों के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि यहां पहुंचने के बाद भारत में आतंकियों संग उसके संबंधों का पता लगाने के लिए सुरक्षा अधिकारियों ने उससे पूछताछ की है।
खुफिया अधिकारियों के मुताबिक, जुबेर एक इंजीनियर था, जिसे साल 2011 में आतंकी वित्तपोषण के आरोप में तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था। उसे साल 2009 में अलकायदा सरगना अनवर अल-अवलाकी के लिए पैसे जुटाने का दोषी पाया गया था।
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, जुबेर पर इराक में अमेरिकी सेना के खिलाफ हिंसक जिहाद का समर्थन करने के लिए आतंकवाद का वित्तपोषण करने का आरोप था।
अमेरिकी न्याय विभाग ने साल 2018 में एक प्रेस विज्ञप्ति ने कहा था, भारतीय नागरिक इब्राहिम मोहम्मद (जुबेर) ने साल 2001 से 2005 तक इलिनोइस विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। साल 2006 के आसपास वह टोलिडो, ओहियो में चला गया और एक अमेरिकी नागरिक से शादी कर ली। साल 2007 के लगभग वह कानूनी रूप से अमेरिका का एक स्थायी निवासी बन गया।
न्याय विभाग ने आगे कहा कि जुबेर, फारूक मोहम्मद का भाई है। उसे भी आतंकी गतिविधियों के चलते गिरफ्तार किया गया था।
आतंकी वित्तपोषण में उसकी भूमिका का उल्लेख करते हुए अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि पैसे और अमेरिका के खिलाफ जिहाद के संबंध में साल 2005 से 2009 के बीच जुबेर और उसके भाई के बीच कई ईमेल भेजे गए थे।
इन संदेशों में जिहाद के बारे में विस्तार से बात की गई थी।
अमेरिकी न्याय विभाग ने यह भी कहा कि अल-अवलाकी के वीडियोज को देखने के बाद जुबेर आतंकवादी संगठन में शामिल हुआ और अपने भाई के निर्देशानुसार, उसने पाकिस्तान के दो सहयोगियों – सुल्तान सलीम और आसिफ सलीम से पैसे भी प्राप्त किए, जिसे उसने अपने भाई के खातों में जमा कराया।
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, अपने भाई के साथ किए गए अधिक पैसों के लेन-देन को उसने यह कहकर अधिकारियों से छिपाने की कोशिश की कि उसने अपने भाई को अपनी कार सहित कई चीजें बेची है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने यह भी आरोप लगाया कि जुबेर के भाई ने भी दुबई की यात्रा की और बैंक के लेनदेन के लिए जुबेर के अमेरिका के पते का इस्तेमाल किया और जुबेर ने भी इस काम में अपने भाई की मदद की, ताकि अलकायदा सरगना को इन्हें सौंपा जा सके।
इसमें आगे कहा गया कि मोहम्मद ने साल 2009 में दो लोगों के साथ यमन की यात्रा की थी और इस दौरान उसने अल-अवलाकी के सहयोगियों को मोटी रकम भी दी थी।
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, जुबेर को आतंकी गतिविधियों के लिए दोषी ठहराया गया था और उसे पांच साल कैद की सजा सुनाई गई थी, जबकि उसके भाई को 27 साल की कैद की सजा सुनाई गई।
–आईएएनएस
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