अमेरिकी विदेश मंत्री ने अफगान शांति पर खलीलजाद से मुलाकात की

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वाशिंगटन, 5 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अफगानिस्तान में सुलह के लिए वाशिंगटन के विशेष दूत जाल्मे खलीलजाद से मुलाकात की और इस दौरान उन्होंने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में लंबे समय तक शांति स्थापित करने के लिए आगे बढ़ने के रास्ते पर चर्चा की।

गुरुवार को यहां बैठक के बाद ट्विटर पर जानकारी देते हुए ब्लिंकेन ने कहा, अफगानिस्तान में आगे बढ़ने के तरीके पर चर्चा करने के लिए राजदूत खलीलजाद के साथ शानदार बैठक.. आतंकवाद के खतरे के खिलाफ अमेरिका की रक्षा करना, वहां एक न्यायसंगत और टिकाऊ राजनीतिक समझौता हासिल करना और एक स्थायी और व्यापक संघर्ष विराम को मजबूत करना।

एक अलग ट्वीट में खलीलजाद ने भी इसकी जानकारी दी, जिन्होंने एक समझौते पर पहुंचने के लिए 18 महीने तक तालिबान के साथ बातचीत की है। खलीलजाद ने बैठक के संबंध में बताते हुए कहा, हमारी सतत नीति समीक्षा के संदर्भ में अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर ब्लिंकेन को ब्रीफ (संक्षिप्त जानकारी) करने का अवसर मिला।

गुरुवार को इस दिशा में यह कदम देखने को मिला है, क्योंकि 5 जनवरी को दो पक्षों के बीच वार्ता फिर से शुरू होने के बाद पिछले 19 दिनों से दोहा में अफगान गणराज्य और तालिबान वार्ताकारों के बीच कोई बैठक नहीं हुई है।

अफगान शांति वार्ता 12 सितंबर, 2020 को शुरू हुई थी। यह वार्ता अफगानिस्तान में आंतरिक युद्ध को समाप्त करने के लिए पिछले साल फरवरी में अमेरिका-तालिबान शांति समझौते के बाद शुरू हुई थी, जिसमें अफगानिस्तान में हजारों अमेरिकी सेनाओं की वापसी का रास्ता प्रशस्त करने के बात कही गई थी। इसके साथ ही शर्त रखी गई थी कि अफगानिस्तान में शांति कायम होगी।

पद संभालने के बाद अपने पहले मीडिया संबोधन में पिछले महीने के अंत में पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने दावा किया था कि तालिबान ऐतिहासिक समझौते को खतरे में डाल रहा है।

उन्होंने 28 जनवरी को प्रेस ब्रीफिंग में कहा, तालिबान ने अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं किया है। जब तक वह आतंकवाद का साथ छोड़ने और अफगानिस्तानी सुरक्षा बलों पर हिंसक हमले बंद करने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी नहीं करता, तब तक समझौता वार्ता के लिए कोई राह निकलना काफी कठिन है।

इसके जवाब में तालिबान के एक प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने एक अफगान मीडिया आउटलेट को बताया कि समूह समझौते के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा था, हम दूसरे पक्ष को उनकी प्रतिबद्धताओं पर अडिग रहने के लिए कहते हैं।

अफगानिस्तान में युद्ध जैसे हालात हैं, जिसमें लगभग 2,400 अमेरिकी सैन्यकर्मियों की मौत हो चुकी है।

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक समय देश से सेना की पूर्ण वापसी की मांग की थी, लेकिन सेना और पेंटागन के उनके कुछ वरिष्ठ सहयोगियों ने अधिक सतर्क ²ष्टिकोण का सुझाव दिया।

वर्तमान में अफगानिस्तान में लगभग 2,500 अमेरिकी सैनिक हैं।

–आईएएनएस

एकेके/एएनएम

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