अमृतसर : रेल सेवा आंशिक रूप से बहाल, प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज

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 अमृतसर, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमृतसर-जालंधर रेलवे खंड पर रविवार को तनाव और कड़ी सुरक्षा के बीच रेल सेवा आंशिक रूप से बहाल कर दी गई।

 वहीं पंजाब पुलिस ने जोड़ा फाटक के समीप पुलिस से भिड़ने वाले अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामल दर्ज कर लिया है। इसी फाटक पर शुक्रवार को एक तेज रफ्तार रेल ने 59 लोगों को कुचल दिया था। रविवार शाम को कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच रेलवे खंड पर एक खाली पैसेंजर रेल को चलाया गया।

रेल हादसे के बाद इस खंड की पटरी पर रेल सेवाएं रद्द कर दी गई थीं।

पंजाब पुलिस कर्मी अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके के समीप रेल पटरी के दोनों तरफ खड़े हो गए ताकि प्रदर्शनकारियों को पटरी के नजदीक आने से रोका जा सके।

इससे पहले भी दिन में रेल अधिकारियों ने इसी खंड से एक मालगाड़ी को पास कराया था। मालगाड़ी की बोगियां भी खाली थीं।

पुलिस ने रविवार सुबह उनसे भिड़ने वाले अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस जब इलाके में पटरी साफ करा रही थी तभी प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए थे।

प्रदर्शनकारियों पर दंगा और हत्या का प्रयास का मामला दर्ज किया गया है।

प्रदर्शनकारी पत्थरबाजी में शामिल थे, जिसमें कम से कम आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने लाठी चार्ज किया और एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया।

रविवार को स्थानीय निवासियों ने यहां पंजाब सरकार और रेलवे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जो हिंसक हो गया। इसके बाद पुलिस ने इलाके में अतिरिक्त बल भेज दिया था।

पंजाब पुलिस के कमांडो समेत घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।

प्रदर्शनकारी दशहरा के आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। यह दशहरा कार्यक्रम जोड़ा फाटक के समीप हो रहा था, जहां सैकड़ों लोग रावण का पुतला दहन देखने के लिए इकठ्ठा हुए थे।

जब लोग रेल पटरी पर खड़े होकर पुतला दहन देख रहे थे, तभी जालंधर-अमृतसर डीएमयू रेल ने उन्हें कुचल दिया।

गुस्साए लोगों ने घटना में महिलाओं, बच्चों और युवकों समेत अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति प्रशासन द्वारा चिंता नहीं जताए जाने पर जोड़ा फाटक पर विरोध प्रदर्शन करते हुए यातायात बाधित किया।

शुक्रवार शाम से ही इस मार्ग पर रेलगाड़ियों की आवाजाही बंद है।

रेल हादसे में मृतकों के परिवार के सदस्यों ने कहा कि पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों से मिलने की जहमत तक नहीं उठाई। कैबिनेट मंत्री की पत्नी शुक्रवार शाम को दशहरा समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे।

पंजाब सरकार ने शनिवार को रेल हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए थे।

रेलवे ने कहा कि वह इस घटना के लिए जिम्मेदार नहीं है।

वहीं विपक्षी शिरोमणि अकाली दल ने आयोजकों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है, जो कि अधिकतर सत्तारूढ़ कांग्रेसी नेता हैं।

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