नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय दो मई को समाज के अनारक्षित श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण के अंतर्गत की जा रही नियुक्तियों पर पाबंदी लगाने के लिए कई याचिकाओं पर दो मई को सुनवाई करेगा।
याचिकाओं में कहा गया है कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गो को दिया गया 10 प्रतिशत आरक्षण सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इससे पहले संविधान पीठ द्वारा आरक्षण के लिए निर्धारित 50 प्रतिशत की उच्चतम सीमा का उल्लंघन है।
वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि 10 प्रतिशत आरक्षण के अंतर्गत एक बार नियुक्ति हो जाने के बाद इसे वापस लेना काफी मुश्किल होगा, जिसके बाद न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई।
न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि अदालत का कहना है कि इस तरह की सभी नियुक्तियां संविधान के 103 संशोधन को दी गई चुनौती के नतीजों के अधीन होगी, जोकि एससी/एसटी और ओबीसी को दिए जानेवाले 50 प्रतिशत आरक्षण से आगे जाकर 10 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराता है।
याचिका का विरोध करते हुए, महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि इस बाबत आग्रह को फरवरी और मार्च में ठुकरा दिया गया था।
धवन ने कहा कि अदालत ने उस समय याचिका को सुनने से इनकार कर दिया था, लेकिन पूरी तरह से खारिज नहीं किया था।
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…