कोलकाता: ऐसे समय में जब केंद्र ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की 125वीं जयंती मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है, बोस के परिवार और शोधकर्ताओं का एक वर्ग पैनल में अनीता बोस फाफ के शामिल होने से नाखुश है।
नेताजी की बड़ी भतीजी, राजश्री चौधरी ने आईएएनएस को बताया, जन्म उत्सव समिति में अनीता फाफ हो होना स्वीकार्य नहीं हैं। उनके जन्म प्रमाण पत्र में सुभाष चंद्र बोस का पिता के रूप में उल्लेख नहीं है।
चौधरी ने कहा कि हेरफेर कर फाफ को बोस परिवार में शामिल किया गया है।
अनीता बोस फाफ एक जर्मन अर्थशास्त्री और सुभाष चंद्र बोस और एमिली शेंकल की इकलौती बेटी हैं। वह ऑग्सबर्ग विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के साथ-साथ जर्मनी में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की एक नेता भी रही हैं।
उन्होंने कहा, वह या उनकी अभिभावक, तथाकथित पत्नी एमिली शेंकल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर बनी किसी भी जांच समिति या आयोग के सामने कभी नहीं आई।
चौधरी के अनुसार, नेताजी की बेटी होने की सभी प्राकृतिक प्रवृत्तियां उनमें नहीं हैं और वह केवल 18 अगस्त 1945 को हवाई दुर्घटना में और टोक्यो के रेनको मंदिर से राख वापस लाने में इच्छा रखती हैं।
नेताजी के परिजनों ने सवाल किया, रेंकोजी मंदिर सितंबर 1989 में राख में तब्दील हो गया था। तथाकथित राख फिर से वहां कैसे पहुंच गई? आग में वो राख कैसे बची?
नेताजी पर उच्च-स्तरीय समिति 23 जनवरी से शुरू होने वाले एक साल के उत्सव के लिए विभिन्न गतिविधियों पर फैसला करेगी। समिति के सदस्यों में प्रतिष्ठित नागरिक, इतिहासकार, लेखक, विशेषज्ञ, बोस के परिवार के सदस्य और साथ ही आजाद हिंद फौज से जुड़े प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हैं।
समिति दिल्ली, कोलकाता और नेताजी और आजाद हिंद फौज से जुड़े अन्य स्थानों, जो भारत के साथ-साथ विदेशों में भी है, के स्मरणोत्सव गतिविधियों का मार्गदर्शन करेगी।
चौधरी ने कहा, अगर यह समिति इन सभी झूठी चीजों को स्थापित करने के लिए है, तो हम इसका विरोध करेंगे।
नेताजी पर शोधकर्ता जयंता चौधरी ने कहा, केवल समारोह करने से कुछ नहीं होगा। समिति को सकारात्मक दिशा की ओर कदम उठाने की जरूरत है यदि वह वास्तव में बोस को सम्मानित करना चाहता है तो। दुर्भाग्य से, 125वीं जयंती मनाने के अवसर पर किसी शोधकर्ता को शामिल नहीं किया गया है। लेकिन अनीता फाफ को इसमें शामिल कर लिया गया है। नेताजी की बेटी के रूप में पहचाने जाने के लिए उनके पास कोई वैध सबूत नहीं है।
इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र को एक पत्र लिखकर मांग की कि 23 जनवरी को आजाद हिंद फौज के संस्थापक की स्मृति में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि केंद्र को बोस से संबंधित सभी फाइलों को डिक्लासीफाई करना चाहिए।
–आईएएनएस
This post was last modified on January 22, 2021 1:48 PM
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