बाइदुरजो बोस
नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान और बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना ने शनिवार को कहा था कि बीसीसीआई को गैर-अनुबंधित खिलाड़ियों को विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति दे देनी चाहिए, लेकिन बोर्ड के अधिकारियों को लगता है कि यह खिलाड़ियों की विशेषता को बनाए रखने का मामला है।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि खिलाड़ियों को अन्य टी-20 लीगों से दूर रखने के पीछे कारण उन्हें विशेष बनाना है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे वजह एक ऐसा सिस्टम बनाने की है जहां गैरअनुबंधित खिलाड़ी को नीलामी में अच्छी खासी रकम मिले।
अधिकारी ने कहा, “आपको यह विचार उन खिलाड़ियों से सुनने को मिल जाएंगे जो संन्यास के करीब हैं और यह काफी स्वाभाविक है। यह उनके विचार हैं। यह विचारों को रखने का मामला है और यह एकदम सही है।”
उन्होंने कहा, “बोर्ड के नजरिए से और भारतीय क्रिकेट के हित के नजरिए से देखा जाए तो इसके पीछे विचार इस बात को सुनिश्चित करना है कि गैर-अनुबंधित खिलाड़ियों को आईपीएल नीलामी में अच्छी रकम मिले। विशेषता अहम है।”
अधिकारी ने यहां तक कह दिया है कि जिनका आईपीएल में शेयर है उन्हें विदेशी लीगों में निवेश करने से बचना चाहिए।
अधिकारी ने बताया, “बल्कि अब तो समय आ गया है कि जिन फ्रेंचाइजियों का आईपीएल में स्टेक है उनको अब विदेशी लीगों में निवेश करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए क्योंकि आगे जाकर यह कहीं न कहीं शीर्ष अदालत द्वारा प्रस्तावित हितों के टकराव का मुद्दा बन सकता। साथ ही स्थिति ऐसी है कि इस समय विदेशी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के बजाए भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाए।”
ऐसी खबरें हैं कि आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स इंग्लैंड की नई लीग द हंड्रेड में निवेश कर सकती है।
रैना ने पठान के साथ इंस्टाग्राम पर बात करते हुए कहा, “मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआई, आईसीसी और फ्रेंचाइजियों के साथ मिलकर इस बात को लेकर रणनीति बनाएगी कि जो खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम से अनुबंधित नहीं हैं उन्हें बाहर खेलने की मंजूरी दी जाए। कम से कम हमें दो अलग-अलग विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति तो मिल ही सकती है। अगर हम विदेशी लीगों में अच्छा कर सके तो यह हमारे लिए अच्छा होगा। काफी अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने इन लीगों में खेल कर वापसी की है।”
पठान इस सीजन जम्मू एवं कश्मीर टीम के कोच थे। उन्होंने कहा कि जब जम्मू एवं कश्मीर का प्रस्ताव आया तो उनके पास तीन लीगों के प्रस्ताव थे।
पठान ने कहा, “जब जम्मू एवं कश्मीर टीम ने मुझसे बात की थी तब मेरे पास तीन लीग के प्रस्ताव थे। मैं पहली टीम का नाम नहीं लूंगा मैंने उन्हें साफ मना कर दिया था। दूसरा प्रस्ताव कैरिबियन प्रीमियर लीग से था। मेरे हाथ में करार था बस मुझे मंजूरी लेनी थी और संन्यास लेना था। तीसरा प्रस्ताव टी-10 लीग से था। मुझे सिर्फ संन्यास की घोषणा करनी थी। मैं उस समय नियमों को समझने के लिए बीसीसीआई के चक्कर लगा रहा था। लेकिन मुझे लगा कि जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट की सेवा करने से बेहतर कुछ नहीं है।”
–आईएएनएस
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