अप्रैल फूल डे 2021: दुनिया में हर दिन कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है। हर दिन का अपना महत्व होता है और लोग उस दिन को सेलिब्रेट भी करते हैं। ऐसे ही एक अप्रैल को हर साल फूल डे (Fool’s Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के साथ कई तरह के मजाक करते हैं और उन्हें बेवकूफ बनाकर काफी खुश होते हैं। कई देशों में इस दिन छुट्टी भी रहती है और कई देशों में ये दिन आम दिन की तरह ही चलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर एक अप्रैल को ही फूल डे (Fool’s Day)क्यों मनाया जाता है? शायद नहीं, तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
फूल डे (Fool’s Day) हर साल एक अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे कोई ठोस सबूत तो नहीं मिलते हैं, जिसकी वजह से ये अब भी रहस्य है। लेकिन लोग इसके पीछे कई अलग-अलग कहानियां बताते हैं। कई इतिहासकार मनाते हैं कि इस दिन का इतिहास लगभग 438 साल पुराना है। जब 1582 में फ्रांस ने जूलियन कैलेंडर को छोड़कर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया था।
जहां जूलियन कैलेंडर में एक अप्रैल से नया साल शुरू होता था, तो वहीं ग्रेगोरियन कैलेंडर में ये एक जनवरी शिफ्ट हो गया। वहीं, इसको लेकर कहा जाता है कि कैलेंडर बदलने के बाद भी कई लोग इस बदलाव को समझ नहीं पाए और वो एक अप्रैल को ही नया साल मना रहे थे।
मार्च के आखिरी सप्ताह में उनका सेलिब्रेशन शुरू होता था और एक अप्रैल तक चलता था। ऐसे में ये सभी लोग मजाक का कारण बन गए थे, जिसकी वजह से उन्हें अप्रैल फूल कहा जाने लगा और इस दिन की शुरूआत हो गई।
इसके अलावा फूल डे मनाने के पीछे कुछ इतिहासकारों ने इसे हिलेरिया से भी जोड़ा। हिलेरिया एक लैटिन शब्द है, जिसका मतलब है आनंदित। वहीं, हिलेरिया प्राचीन रोम में यहां के समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला एक त्योहार था, जिसे मार्च महीने के आखिर में मनाया जाता था।
इसमें लोग एक-दूसरे व्यक्ति का वेश रखकर लोगों को बेवकूफ बनाते थे। इसलिए कहा जाता है कि यहां से भी अप्रैल फूल मनाने की शुरुआत हुई थी।
यही नहीं, दुनिया के कई देशों में इस दिन को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इटली, बेल्जियम और फ्रांस में इस दिन लोग एक-दूसरे की पीठ पर कागज की बनी हुई मछली चिपका देते हैं, जिसकी वजह से इसे ये लोग अप्रैल फिश भी कहते हैं। लोग इस तरीके को किसी को बेवकूफ बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
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