नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस)। दिसंबर 2020 में नीति आयोग ने पहली बार गाइडिंग प्रिंसिपल फॉर द यूनिफॉर्म नेशनल-लेवल रेगुलेशन फॉर ऑनलाइन फेंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म्स इन इंडिया शीर्षक से गाइडलाइंस जारी की। ये दिशा-निर्देश फेंटेसी स्पोर्ट्स और ऑनलाइन गेमिंग के बीच अंतर करने, फेंटेसी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री की स्वतंत्र पहचान बनाने और शासन के लिए एक-उद्देश्य वाले सेल्फ रेगुलेटरी इंडस्ट्री बनाने पर जोर देते हैं।
ये दिशानिर्देश स्पोर्ट्स की ग्रोथ में भारतीय फेंटेसी स्पोर्ट्स के योगदान को बताते हैं। नीति आयोग के इन दिशानिर्देशों पर चार्टर्ड एंड कॉस्ट अकाउंटेंट और दिग्गज इंडस्ट्रियल लीडर कहते हैं, नीति आयोग ने ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए एक सुरक्षित जगह की स्थापना का रास्ता बनाने के लिए यह प्रगतिशील कदम उठाया है। साथ ही विकास और नवाचार के लिए जरूरी प्रेरणा भी दी है। फेंटेसी स्पोर्ट्स जैसे जीवंत उद्योग के ऑपरेटरों के लिए निरंतर नवाचार करने और जिम्मेदारी भरा आचरण करने के लिए सेल्फ-रेगुलेशन लाना शासन द्वारा अपनाया गया आदर्श तरीका है।
उन्होंने आगे कहा, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सिंगल सेल्फ-रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशन (एसआरओ) स्थापित करने के लिए नीति आयोग का प्रस्ताव अच्छा है। यह न केवल इंडस्ट्री के लिए मददगार है, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने वाला और लाभ देने वाला है। इससे बेईमान ऑपरेटरों पर भी रोक लगेगी।
उन्होंने कहा कि इस श्रेणी को बनाना और आगे बढ़ाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मानिर्भर भारत के ²ष्टिकोण से भी मेल खाता है, जिसमें विकास, आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन की बात जुड़ी हुई है।
नीति आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, ऑनलाइन फेंटेसी स्पोर्ट्स सेक्टर से अगले 2-3 सालों में भारत सरकार को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का योगदान मिलने की उम्मीद है। इतना ही नहीं आने वाले कुछ सालों में तो इसके 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के एफडीआई को आकर्षित करने और अतिरिक्त 12 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों पैदा करने की क्षमता है।
नीति आयोग द्वारा ड्राफ्ट किए गए ये दिशानिर्देश इन स्पोर्ट्स की वर्तमान स्थिति की जांच करते हैं और उद्योग को लेकर सभी कानूनी अस्पष्टताओं को खत्म करने वाली है। फिदूस लॉ चैम्बर के मैनेजिंग पार्टनर श्वेताश्री मजूमदार कहती हैं, नीति आयोग ने ध्यान दिया है कि सरकार से मान्यता प्राप्त करने और अपनी पहचान बनाने वाले फेंटेसी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को लेकर पब्लिक इंट्रेस्ट है। साथ ही यह अन्य खेलों जैसे कानूनी रूप से अंतर किए गए सट्टेबाजी और जुए से अलग है। ऐसे में हमें फेंटेसी स्पोर्ट्स को सट्टेबाजी और जुए के अपवाद के रूप में देखने से रोकना होगा।
वहीं इंडियाटेक के सीईओ रमीश कैलासम ने ग्रोथ की संभावनाओं को लेकर कहा, फेंटेसी स्पोर्ट्स को अलग पहचान देने और उपभोक्ताओं का विश्वास हासिल करने और यह सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करना होगा कि सभी ओएफएस प्लेटफॉर्म जिम्मेदारी से काम कर रहे हैं और वे तय प्रारूप के अनुरूप हैं। नीति आयोग का ऑनलाइन फेंटेसी स्पोर्ट्स के रेगुलेशन बनाने का कदम स्वागत योग्य है। ऐसा प्रयास केंद्र और राज्यों दोनों को इस इस क्षेत्र में सशक्त बनाने की दिशा में काम करने में सक्षम बनाएगा जो अभी विभिन्न अदालतों पर निर्भर है। भारत के पास इस क्षेत्र में और अधिक स्टार्टअप लाने की बहुत बड़ी क्षमता है।
नीति आयोग द्वारा ड्राफ्ट किए गए इन सिद्धांतों ने फेंटेसी स्पोर्ट्स को एक अलग इंडस्ट्री के तौर पर उभरने के लिए बहुत जरूरी गति दी है। राष्ट्रीय-स्तर के एक जैसे सिद्धांत वाला ढांचा इसे नियंत्रित करने के लिए तैनात करना अच्छा है। इससे ये स्पोर्ट्स पनपेंगे और शायद भारत को इस इंडस्ट्री का वैश्विक केंद्र भी बना देंगे।
–आईएएनएस
एसडीजे-एसकेपी
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…