बैडमिंटन : सात्विक और चिराग ने रचा इतिहास, जीता थाईलैंड ओपन (राउंडअप)

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 बैंकॉक, 4 अगस्त (आईएएनएस)| भारत के सात्विकसाईंराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने रविवार को यहां ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए प्रतिष्ठित थाईलैंड ओपन का पुरुष युगल वर्ग का खिताब अपने नाम कर लिया।

 सात्विक और चिराग की यह सफलता इसलिए काफी मायने रखती है क्योंकि पहली बार किसी भारतीय पुरुष जोड़ी ने बीडब्ल्यूएफ सुपर 500 टूर्नामेंट खिताब जीता है।

भारतीय जोड़ी ने वर्ल्ड नंबर-2 चीन के ली जुन हुई और लियू यू चेन की जोड़ी को 21-19, 18-21, 21-18 से मात दी। यह मुकाबला एक घंटे और दो मिनट तक चला।

दोनों जोड़ियों की बीच यह अब तक का दूसरा मुकाबला था। इससे पहले, इसी साल हुए आस्ट्रेलियन ओपन में चीनी जोड़ी ने 21-19, 21-18 से जीत दर्ज की थी।

फाइनल मैच की शुरुआत भारतीय जोड़ी के लिए शानदार रही। उसने ज्यादा गलतियां न करते हुए पहले गेम में 9-6 से बढ़त बना ली। चीनी खिलाड़ियों ने वापसी करने का प्रयास किया, लेकिन भारतीय जोड़ी ब्रेक तक 11-9 से आगे रही।

इसके बाद, सात्विक और चिराग ने थोड़ा संयम खोया, जिसके कारण स्कोर 15-15 से बराबर हो गया। हालांकि, भारतीय जोड़ी आगे निकलने में कामयाब रही और चीनी खिलाड़ियों के एक गेम प्वाइंट बचाने के बावजूद 21-19 से जीत दर्ज करते हुए मुकाबले में बढ़त बना ली।

दूसरे गेम के शुरुआत में भारतीय जोड़ी 5-2 से आगे रही और फिर 11-9 से बढ़त बना ली। इस बार चीनी खिलाड़ी वापसी करने में कामयाब रहे। वे मुकाबले को 14-14 से बराबरी पर ले आए और फिर 21-18 से जीत दर्ज करते हुए मैच को रोमांचक बना दिया।

चीनी जोड़ी के लिए तीसरे गेम की शुरुआत दमदार रही। उसने 5-2 से बढ़त बनाई, लेकिन भारतीय खिलाड़ी वापसी करने में कामयाब रहे और मुकाबले को 14-14 से बराबरी पर ला खड़ा किया।

इसके बाद, पूरे मुकाबले सात्विक और चिराग की जोड़ी कभी पीछे नहीं हुई और इतिहास रच दिया।

रैंकीरेड्डी ने मैच के बाद कहा, “जब हम आस्ट्रेलियन ओपन में इनके खिलाफ खेले थे तो हम काफी करीब जाकर हार गए थे। हमें पता था कि आज वे दबाव में हैं। हम पर कोई दबाव नहीं था क्योंकि हम अपना पहला फाइनल खेलने को लेकर रोमांचित थे। मेरे कंधे में कुछ समस्या थी और इसी कारण मैंने निर्णय लिया कि मैं फ्रंट पर अधिक खेलूंगा जबकि चिराग बैक में खेलेगा। मैं सर्विस और नेट पर अधिक फोकस कर रहा था।”

रैंकीरेड्डी ने आगे कहा, “हमने पूरे टूर्नामेंट के दौरान संयम बनाए रखा। हम तीसरे गेम में 1-4 से पीछे थे लेकिन हमने अपना संयम और उम्मीद नहीं खोया। हमने बस अपनी बढ़त को बड़ा करने पर ध्यान केंद्रित किया और अपनी रणनीति पर बने रहने की कोशिश की।”

चिराग ने कहा, “यह हमारे करियर का अब तक का सबसे बड़ा खिताब है। अभी मेरे पास इस खुशी को शेयर करने के लिए शब्द नहीं हैं। हमने विश्व चैम्पियन को हराया है, यह काफी खुशी का पल है। मैं बहुत खुश हूं।”

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