भोपाल, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश की राजधानी में विश्व बालिका दिवस के अवसर पर वायस ऑफ एडोल यूनिसेफ के राज्य प्रमुख माइकल जुमा ने बालिकाओं के लिए बेहतर अवसर दिए जाने पर जोर देते हुए कहा कि बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण व समावेशी शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता और संरक्षण जैसे विभिन्न पहुलओं पर निवेश में वृद्धि की जरूरत है।
इंस्टाग्राम पेज ‘किशोरों की आवाज’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रविवार को जुमा ने कहा कि बालिकाओं को अपने सपने पूरे करने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए समाज का एकजुट होना जरूरी है।
लैंगिकता, रूढ़ियों, समानता सहित अन्य मुद्दों पर युवाओं को संवेदनशील बनाने के लिए ‘किशोरों की आवाज’ संवाद का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रमें में अलग-अलग स्थानों के किशोर बालक-बालिकाओं ने अपनी बात रखी।
कार्यक्रम समन्वयक कोकिला भट्टाचार्य ने वर्तमान आंकड़ों पर चर्चा की तथा क्विज प्रतियोगिता भी हुई। इस मौके पर यूनिसेफ के संचार प्रमुख अनिल गुलाटी ने लैंगिक संवेदनशीलता बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने बाल अधिकारों तथा किशोर जागरूकता बढ़ाने के उपायों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए हबीबिया स्कूल के छात्र ने अपने माता-पिता में लैंगिक भेदभाव की निदा की। 14 वर्षीय बालिका ने कहा कि हमारा समाज बेटा और बेटियों में भेदभाव करता है और हमें ऐसी रूढ़ियां सिखाता है। कार्मल कांवेंट की छात्रा और सेंट मेरी स्कूल के छात्र ने बालक और बालिका भेद पर समाज की धारणा बदलने की आवश्यकता पर बल दिया।
आरंभ में कन्या भ्रूणहत्या और बालिका मुद्दे पर मुस्कान नामक ‘फिल्म’ दिखाई गई। कार्यक्रम में ‘अंश’ के मोहसिन खान सहित विभिन्न समुदाय के बच्चों के माता-पिता उपस्थित थे।
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