नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सहयोगी शिवसेना के रवैये के कारण सरकार बनाने का अवसर खो चुकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सामने सहयोगियों से समस्या अभी खत्म नहीं हुई है और अब आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड में भी वह ऐसी ही स्थिति का सामना कर रही है।
झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर 30 नवंबर से पांच चरणों में चुनाव होंगे। यहां भाजपा को अपने सबसे पुराने सहयोगियों में से एक जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) से भी मुकाबला करना होगा। जद-यू ने राज्य की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले सप्ताह नई दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। इस बैठक में उन्हें लगातार दूसरी बार जद-यू प्रमुख चुना गया था।
जद-यू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी झारखंड में सभी सीटों पर अपने दम पर लड़ेगी और भाजपा से गठबंधन नहीं करेगी। जदयू का भाजपा को मुश्किल में डालने का इतिहास रहा है।
साल 2014 के लोकसभा चुनावों में हार के बाद जद-यू ने लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में 2015 के विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन किया था। इस महागठबंधन ने राज्य में भाजपा को हाशिये पर खड़ा कर दिया। हालांकि जून 2017 में जद-यू गठबंधन से बाहर आ गया और राज्य में सरकार बनाने के लिए दोबारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गया। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा और जद-यू ने राज्य में बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा। हालांकि मंत्रिमंडल में मन का विभाग नहीं मिलने पर नीतीश की पार्टी ने मंत्रिमंडल में शामिल होने से इंकार कर दिया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलने पर नीतीश ने भी राज्य में मंत्रिमंडल पुनर्गठन में सहयोगी भाजपा को ज्यादा महत्ता नहीं दी। जद-यू ने मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी तीन-तलाक विधेयक को भी संसद में समर्थन नहीं दिया।
भाजपा को वहीं दूसरी तरफ राज्य में अन्य सहयोगियों का विश्वास हासिल करने के लिए भी कठिन मेहनत करनी पड़ रही है। राज्य में साल 2012 तक हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भाजपा की सहयोगी पार्टी थी। लेकिन झामुमो ने भी भाजपा को धोखा दे दिया और कांग्रेस के साथ दे दिया।
झामुमो-कांग्रेस-राजद के महागठबंधन ने पहले ही राज्य में साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है जिसमें सोरेन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।झामुमो 43 सीटों पर, कांग्रेस 31 सीटों पर और शेष सात सीटों पर राजद चुनाव लड़ेगी। राज्य में 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में चुनाव होगा। मतगणना 23 दिसंबर को होगी।
This post was last modified on November 12, 2019 11:02 PM
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