नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)| कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में हर हफ्ते तंबाकू का उपयोग, खासकर धूम्रपान भारी मात्रा में की जाती है। ऐसे में सरकार का ई-सिगरेट को प्रतिबंधित कर, सामान्य सिगरेट की बिक्री की अनुमति देना कहीं से उचित नहीं है। बीसीबीपीएफ- द कैंसर फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रेस मीट को संबोधित करते हुए, इटली के कैटेनिया विश्वविद्यालय में क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल मेडिसिन विभाग के रिकाडरे पोलोसा, मेलबर्न विश्वविद्यालय में साइकोलॉजी के प्रोफेसर रॉन बोरलैंड और यहां के अपोलो कैंसर संस्थान में वरिष्ठ सलाहकार व सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक्स समीर कौल ने देश में इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम (ईएनडीएस) को प्रतिबंधित करने के कदम पर सवाल उठाया है।
यह दावा करते हुए कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के सफेद कागजात ‘पक्षपात की एक उच्च संभावना’ को दर्शाता है, उन्होंने पूछा कि काउंसिल ने ‘जनता की स्वास्थ्य की रक्षा व उनका अधिक से अधिक हित’ करने के लिहाज से ई-सिगरेट पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की, लेकिन पारंपरिक सिगरेट पर उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा कि पॉलिसी का निर्माण वैज्ञानिक रूप से ठोस सबूतों पर आधारित होना चाहिए और जहां इस तरह के सबूत शुरुआती अवस्था में हैं, वहां शोध को गति देने और प्रोत्साहित करने के प्रयासों पर ध्यान लगाना चाहिए। बीसीबीपीएफ- द कैंसर फाउंडेशन के संस्थापक व अध्यक्ष कौल ने इस फाउंडेशन के नेतृत्व में भारतीय विषयों पर एक देशव्यापी, क्रॉस सेक्शनल, प्रोत्साहन देने वाले अध्ययन की घोषणा की।
उन्होंने कहा, “ईएनडीएस, भारत में धूम्रपान की दरों की गिरावट में तेजी लाने और धूम्रपान छोड़ना चाह रहे लेकिन इसमें असमर्थ वयस्कों को ईएनडीएस जैसे वैकल्पिक उपायों तक उनकी पहुंच को आसान करता है।”
हाल ही में इन तीनों विशेषज्ञों ने इंडियन जर्नल ऑफ क्लीनिकल प्रैक्टिस में आईसीएमआर के सफेद कागजात के महत्वपूर्ण समीक्षा पर आधारित वैज्ञानिक सबूतों पर सह-लेखन और प्रकाशन किया है।
पोलोसा ने कहा कि आईसीएमआर पेपर ने ‘निम्न गुणवत्ता के अध्ययन से संग्रहित किए गए सबूतों का एक अनौपचारिक मूल्यांकन प्रस्तुत किया है’ और उन्होंने ‘श्रेणी पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए अपनी सिफारिश पर पुनर्विचार करने के लिए आईसीएमआर को मनाने’ के लिए ‘ईडीएस पर मौजूद सबूतों का विस्तृत, महत्वपूर्ण समीक्षा’ करने की मांग की।
बोरलैंड ने कहा कि ई-सिगरेट, धूम्रपान करने वालों के खतरे को कम करने के लिए और जनता के स्वास्थ्य को सुधारने का एक ‘विशेष औजार’ है। ऐसे में अगर भारत ई-सिगरेट के प्रतिबंध को कायम रखता है तो वह इस औजार को खो देगा।
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…