भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में होगा कृषि का अहम योगदान : तोमर

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नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि देश में हो रहे कृषि सुधार समग्र विकास का आधार बनेगा और वर्ष 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में कृषि क्षेत्र का अहम योगदान रहेगा।

केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह बात जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के 57वें स्थापना दिवस समारोह में गुरूवार को कही। श्री तोमर ने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में, कृषि प्रधान देश होने के नाते किसानों के साथ-साथ कृषि से जुड़े वैज्ञानिकों-कर्मचारियों और क्षेत्र कार्यकर्ताओं का प्रमुख योगदान होगा।

उन्होंने कहा कि खेती-किसानी में लागत कम करने के साथ ही उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाए बिना इस लक्ष्य की पूर्ति संभव नहीं है। लिहाजा, कृषि विश्वविद्यालयों को इसके लिए समुचित तकनीक एवं प्रचार-प्रसार माध्यमों का उपयोग करने के लिए आवश्यक तंत्र विकसित कर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी देना होगा। देश की जीडीपी में अभी कोरोना संकट के विपरीत दौर में भी कृषि क्षेत्र ने सकारात्मक योगदान दिया है।

तोमर ने कहा कि मोदी सरकार में कृषि क्षेत्र में चौतरफा विकास हो रहा है। वर्ष 2009-10 में जहां देश में कृषि मंत्रालय का बजट बारह हजार करोड़ रुपए होता था, वहां अब यह एक लाख चौंतीस हजार करोड़ रुपये हो गया है। मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में भी बढ़ोत्तरी की है, वहीं राज्यों को योजनाओं में ज्यादा फंड दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ बजट प्रवर्तित योजनाओं से काम नहीं चलेगा, बल्कि अलग-अलग विधाओं को अपनाना होगा। देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिनके पास गांवों तक निजी निवेश पहुचंने से ही नई कृषि क्रांति का सूत्रपात होगा। इसीलिए, सरकार ने 6,850 करोड़ रुपये के बजट से 10 हजार नए एफपीओ बनाने की स्कीम शुरू की है। गांव-गांव किसानों को जागरूक कर एफपीओ से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि किसान सिर्फ फसल उगाने में ही पसीना नहीं बहाएं, बल्कि महंगी फसलों को उगाएं, फूड प्रोसेसिंग से जुड़ें, वैल्यूचेन गांव-गांव तक खड़ी हो, इनमें एफपीओ का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश को सोयाबीन राज्य के रूप में भी जाना जाता है। इसमें इस वि.वि. ने अपने शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से बेहतर योगदान दिया है।

–आईएएनएस

पीएमजे/एएनएम

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