भारत में अभी तक की सबसे बुरी मंदी के आसार : क्रिसिल

Follow न्यूज्ड On  

नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। भारत अब तक की सबसे खराब मंदी की स्थिति का सामना कर रहा है। आजादी के बाद यह चौथी और उदारीकरण के बाद यह पहली मंदी है, जो कि सबसे भीषण है। यह बात रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कही है।

रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, कोविड-19 महामारी की वजह से वित्तीय वर्ष 2021 (चालू वर्ष) में भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की कमी आई है। वहीं इसकी पहली तिमाही में 25 फीसदी की बड़ी गिरावट की संभावना है।

क्रिसिल का मानना है कि वास्तविक आधार पर करीब 10 फीसदी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) स्थायी तौर पर नष्ट हो सकता है। ऐसे में महामारी से पहले जो वृद्धि दर देखी गई है, उसके मुताबिक इसे ठीक होने में कम से कम तीन साल का वक्त लग जाएगा।

क्रिसिल ने अपने पहले के अनुमान को संशोधित करते हुए और भी नीचे कर दिया है। एजेंसी ने कहा, इससे पहले 28 अप्रैल को हमने वृद्धि दर के अनुमान को 3.5 प्रतिशत से कम कर 1.8 प्रतिशत किया था। उसके बाद से स्थिति और खराब हुई है।

क्रिसिल ने कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि गैर-कृषि जीडीपी में छह प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जाएगी। हालांकि कृषि क्षेत्र से कुछ राहत मिलने की उम्मीद जरूर है और इसमें 2.5 फीसदी वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले 69 सालों में देश में केवल तीन बार 1958, 1966 और 1980 में मंदी आई थी। इसके लिए हर बार कारण एक ही था और वह था मानसून का झटका। इस वजह से खेती-बारी पर काफी बुरा असर पड़ा और अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ।

क्रिसिल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में मंदी कुछ अलग है, क्योंकि इस बार कृषि के मोर्चे पर राहत है और यह मानते हुए कि मानसून सामान्य रहेगा। यह झटके को कुछ कम जरूर कर सकता है।

रेटिंग एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रव्यापी बंद के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही सर्वाधिक प्रभावित हुई है। न केवल गैर कृषि कार्यों, बल्कि शिक्षा, यात्रा और पर्यटन समेत अन्य सेवाओं के लिहाज से पहली तिमाही बदतर रहने की आशंका है। इतना ही नहीं इसका प्रभाव आने वाली तिमाहियों पर भी दिखेगा। रोजगार और आय पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, क्योंकि इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं।

उन राज्यों में भी आर्थिक गतिविधियां लंबे समय तक प्रभावित रह सकती हैं, जहां कोविड-19 के मामले ज्यादा हैं। मार्च में औद्योगिक उत्पादन में 16 फीसदी से अधिक की गिरावट आई। अप्रैल में निर्यात में 60.3 फीसदी की गिरावट आई और नए दूरसंचार ग्राहकों की संख्या 35 फीसदी कम हुई है। इतना ही नहीं रेल के जरिए माल ढुलाई में सालाना आधार पर 35 प्रतिशत की गिरावट आई है।

–आईएएनएस

Share

Recent Posts

जीआईटीएम गुरुग्राम ने उत्तर भारत में शीर्ष प्लेसमेंट अवार्ड अपने नाम किया

नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…

March 19, 2024

बिहार के नींव डालने वाले महापुरुषों के विचारों पर चल कर पुनर्स्थापित होगा मगध साम्राज्य।

इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…

March 12, 2024

BPSC : शिक्षक भर्ती का आवेदन अब 19 तक, बिहार लोक सेवा आयोग ने 22 तक का दिया विकल्प

अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।

July 17, 2023

जियो ने दिल्ली के बाद नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में ट्रू5जी सर्विस शुरु की

पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना

November 18, 2022

KBC 14: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कौन थे, जिन्होंने इंग्लैंड में भारत को अंतिम बार एक टेस्ट सीरीज जिताया था?

राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…

September 23, 2022