भारतीय आर्ब्रिटेशन को निर्बाध व सक्षम बनाना होगा : जस्टिस बीआर गवई

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नई दिल्ली, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)| यदि अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के बीच भरोसा कायम करना है तो यह बेहद जरूरी है कि भारत में एक ऐसी विवाद निवारण प्रणाली स्थापित की जाए जिसमें ज्यादा समय न लगे यानी भारतीय आर्ब्रिटेशन को निर्बाध व सक्षम बनाना होगा। नई दिल्ली में ऐसोचैम द्वारा आयोजित ‘ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ऑन इंटरनेशनल कमर्शियल आर्ब्रिटेशन’ विषय पर अपनी बात रखते हुए भारतीय सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई ने कहा, “इस प्रकार के सम्मेलन उन अहम तथा व्यावहारिक पहलुओं को हल करने में दूरगामी परिणाम देंगे जिन समस्याओं से भारतीय आर्ब्रिटेशन प्रणाली को दो-चार होना पड़ता है तथा इस तरह इनसे समाधान हासिल होंगे।”

गवई ने कहा, “आज का यह सम्मेलन भारत को एक पसंदीदा आर्ब्रिटेशन केन्द्र बनाने की दिशा में कारगर साबित होगा। इससे भारत में अंतर्राष्ट्रीय कमर्शियल विवादों को न्यूनतम संभव समय में सुलझाने का मार्ग प्रशस्त होगा। ऐसी कोशिशों से भारत दुनिया की सबसे उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनेगा।”

ऐसोचैम के इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस हरि शंकर ने भारत में अंतर्राष्ट्रीय कमर्शियल आर्ब्रिटेशन के वैधानिक परिदृश्य पर बात की। उन्होंने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय कमर्शियल आर्ब्रिटेशन अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है तथा आने वाले वर्षो में अंतर्राष्ट्रीय पटल पर कारोबारी विवादों का निपटारा पूरी तरह आर्ब्रिटल प्रोसैस (मध्यस्थ प्रक्रिया) से किया जाएगा बजाय मुकदमेबाजी के। इसलिए ऐसे सम्मेलन बहुत आवश्यक हैं जहां हमें अंतर्राष्ट्रीय कमर्शियल आर्ब्रिटेशन की बारीकियों को समझने का मौका मिले और ऐसे आयोजन अक्सर होते रहने चाहिए।

ऐसोचैम के उपाध्यक्ष विनीत अग्रवाल ने कहा, “विवाद सुलझाने की प्रक्रिया का भारतीय अर्थव्यवस्था तथा भारत में व्यापार करने के बारे में वैश्विक नजरिए पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा। व्यापार करने की आसानी के संबंध में विश्व बैंक द्वारा दी गई रैंकिंग में इसका स्पष्ट संकेत है। इसलिए हमारे लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि हम संशोधित आर्ब्रिटेशन एंड रिकंसिलिएशन बिल तथा ऐस्टैबलिशमेंट ऑफ कमर्शियल पार्टनर्स के प्रभावों और अर्थ पर चर्चा करें। भारत अपनी कानूनी व्यवस्था में विश्वास निर्माण के रास्ते पर अग्रसर है, किसी भी देश को अंतर्राष्ट्रीय आर्ब्रिटेशन का स्थान बनने के लिए यह बुनियादी शर्त है।”

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मुकुंदकम शर्मा ने कहा कि कि देश में आर्ब्रिटेशन कार्यवाही को तेज करने की आवश्यकता है ताकि भारत को कमर्शियल आर्ब्रिटेशन का अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र बनाया जा सके।

 

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