भारतीय बीमा बाजार में इरडा ने किए महत्वपूर्ण सुधार (पुनरावलोकन : 2018)

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)| हर उद्योग के विकास और भविष्य को तय करने में नियामकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, और बीमा भी इससे अलग नहीं है। हर साल की तरह इस साल भी भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने कई नियमन लागू किए हैं, जिसने जीवन, स्वास्थ्य और मोटर बीमा उद्योग में महत्वपूर्ण बदलाव किया है।

विभिन्न विनियामक परिवर्तन से जूझने के बाद अब बीमा उद्योग इन सभी क्षेत्रों में संतुलित उत्पादों और बेहतर लाभप्रदता की उम्मीद कर रहा है। बीमा कंपनियों द्वारा इन नियमों का बड़े पैमाने पर लाभ उठाया जा रहा है, जो उपभोक्ताओं को उनके स्वास्थ्य, जीवनशैली, और वाहनों का बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में सक्षम बनाता है। इसमें हर किसी के लिए जीत की स्थिति है, क्योंकि समग्र ग्राहक अनुभव में बढ़ोतरी होती है।

इरडा ने स्वास्थ्य बीमा कवर को और अधिक ग्राहक हितैषी बनाने के लिए मौजूदा स्वास्थ्य बीमा के बहिष्करण नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। स्वास्थ्य कवर में उन्नत मेडिकल उपचारों को शामिल करने, प्रतीक्षा अवधि में कई और कई चिकित्सा अवस्थाओं को शामिल करने का वर्तमान में प्रस्ताव दिया गया है।

कार्यकारी समिति ने प्रस्ताव दिया है कि हाइपरटेंशन, डायबिटीज, और हृदय संबंधी समस्याओं में प्रतीक्षा अवधि को घटाकर 30 दिन किया जाए। इस साल कई नई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों को पेश किया गया है, जो चिकित्सा में बढ़ती महंगाई से राहत दिलाने का वादा करते हैं। ऐसा ही एक उत्पाद अपोलो म्यूनिख हेल्थ इंश्योरेंस का ‘हेल्थ वॉलेट’ है। यह योजना अस्पताल में भर्ती और ओपीडी के खर्चो का कवर करने के अलावा बाद के सालों में किफायती बने रहने का आश्वासन देता है।

इस साल की एक और उपलब्धि सक्रियता-आधारित कल्याण योजना रही, जो ग्राहकों में तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही है, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा भारतीय जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के खतरे में हैं। अब बेसिक स्वास्थ्य बीमा योजना पर निर्भरता कम हो रही है, क्योंकि वे इलाज के जरूरी खर्चो को कवर नहीं करते है। इसलिए सक्रियता-आधारित वेलनेस योजनाएं लांच की है, जो लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करती है।

इन योजनाओं का मुख्य जोर अधिक स्वस्थ जीवनशैली विकसित करना है, जिसमें ‘हेल्थ कोचिंग’ जैसी गतिविधियां शामिल हैं। इसमें बीमाधारक को एक निश्चित स्कोर हासिल करने पर अगले साल बीमा में छूट मिलती है। मैक्स बूपा लाइफ इंश्योरेंस’ का गो एक्टिव और आदित्य बिरला लाइफ इंश्योरेंस का एनहैंस ऐसी ही दो वेलनेस-आधारित योजनाएं हैं।

गंभीर बीमारियों के जोखिम को ध्यान में रखकर भी कई स्वास्थ्य बीमा लांच किए गए हैं, जो किसी विशेष बीमारी के खर्चो को कवर करती है और उसकी प्रतिपूर्ति करती है। इनमें कुछ लोकप्रिय विकल्प अपोलो म्यूनिख हेल्थ इंश्योरेंस का आईकैन और रेलीगेयर हेल्थ इंश्योरेंस का क्रिटिकल मेडिक्लेम है।

जीवन बीमा के क्षेत्र में साल 2018 में टर्म बीमा के तहत सीमित भुगतान योजनाओं की शुरुआत हुई, क्योंकि इन दिनों लोग कम अवधि तक भुगतान करने और ज्यादा अवधि तक कवर लेना पसंद करते हैं। इन योजनाओं के टर्म प्लान में 60 साल बीमा की किश्त चुकानी होती है, जबकि 80-85 साल तक कवरेज मिलता है, क्योंकि लोग अपने दायित्व को उस वक्त तक खत्म कर देना चाहते हैं, जब तक उनकी कमाने की क्षमता है और वे पेंशन से बीमा का भुगतान करना नहीं चाहते हैं।

निवेश के क्षेत्र में यूलिप योजनाओं की अच्छी मांग रही, क्योंकि अब ग्राहक यूनिट-लिंक्ड बीमा योजनाओं में उनकी पारदर्शिता और विश्वसनीयता के कारण अधिक रुचि ले रहे हैं। इन पॉलिसियों का प्रीमियम आवंटन शुल्क और पॉलिसी प्रबंधन शुल्क सामान्यत: शून्य होता है और फंड प्रबंधन शुल्क 1 से 1.35 फीसदी तक है, जिसे इरडा ने अधिकतम 1.35 फीसदी तक सीमित कर दिया है। इस क्षेत्र में बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस की गोल एस्सोर और केनरा एचएसबीसी ओबीसी की इंवेस्ट 4जी अच्छी योजनाएं हैं।

वाहन बीमा के क्षेत्र में इरडा द्वारा अगस्त में सभी नई कारों और दोपहिया वाहनों के लिए थर्ड-पार्टी इंश्यूरेंस कवर को तीन और पांच सालों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। यह आदेश सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद जारी किया गया है। अब ग्राहक के पास वाहन बीमा पॉलिसी खरीदने के तीन अलग-अलग विकल्प हैं। पहला पांच या तीन सालों के लिए थर्ड-पार्टी कवर खरीदे। दूसरा पांच या तीन सालों के कांप्रीहेंसिव कवर खरीदे। और तीसरा पांच या तीन सालों के लिए थर्ड-पार्टी कवर खरीदे और एक साल का ओडी कवर खरीदे। इससे एक से ज्यादा वाहन रखनेवाले ग्राहकों को फायदा होगा।

माना जा रहा है कि इरडा द्वारा किए गए स्वास्थ्य बीमा में किए गए संशोधन से बीमाधारकों के लिए कवरेज और अधिक व्यापक और प्रभावी बनेगा। इसके अलावा नए नियमों के लागू होने से स्वास्थ्य बीमा उद्योग का विकास दर अगले कुछ सालों के लिए 24-25 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है, जो साल 2022 तक 1,00,000 करोड़ रुपये का कारोबार हो जाएगा। जीवन बीमा के क्षेत्र में यूलिप सबसे बढ़िया योजनाओं में से एक है।

(लेखक पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के उत्पाद व नवाचार प्रमुख हैं। ये उनके निजी विचार हैं)

 

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